राहुल गांधी ने सुनाया बचपन का किस्सा, बोले- 7 साल की उम्र में घर छोड़ा, 52 साल से मेरे पास घर नहीं
Congress Plenary Session: राहुल गांधी ने अपनी स्पीच में अपने बचपन का एक किस्सा भी शेयर किया. उन्होंने बताया कि जब सात साल के थे तब मां ने पहली बार बताया कि उनका कोई घर नहीं है.
Rahul Gandhi Speech: कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन के आखिरी दिन (26 फरवरी) राहुल गांधी ने पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान राहुल गांधी ने 4 महीने की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की 'भारत जोड़ो यात्रा' की बात की. कहा कि हमारी भारत जोड़ो यात्रा से लाखों लोग जुड़े हैं और हमने गले लगकर सबका दर्द महसूस किया. राहुल गांधी ने अपने संबोधन में ये भी कहा कि 52 साल हो गए और आज तक उनके पास घर नहीं है.
राहुल गांधी ने कहा, "52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है, आज तक घर नहीं है... हमारे परिवार का जो घर है वो इलाहाबाद में है और वो भी हमारा घर नहीं है. जो घर होता है उसके साथ मेरा बड़ी अजीब से रिश्ता है. मैं जहां रहता हूं वो मेरे लिए घर नहीं है, तो जब मैं कन्याकुमारी से निकला, मैंने खुद से पूछा कि मेरी जिम्मेदारी क्या बनती है. मैं भारत को समझने के लिए निकला हूं. हजारों-लाखों लोग चल रहे हैं, मेरी क्या जिम्मेदारी है."
'ये घर हमारे साथ चलेगा'
राहुल गांधी ने आगे कहा, "बहुत सोचने पर मेरे दिमाग में आइडिया आया और मैंने अपने ऑफिस के लोगों से कहा कि यहां हजारों लोग चल रहे हैं, धक्का लगेगा, लोगों को चोट लगेगी, तो हमें एक काम करना है... मेरे साइड में और आगे 20-25 फीट, खाली जगह पर हिंदुस्तान के लोग हमसे मिलने आएंगे, अगले चार महीने के लिए यही हमारा घर है. मतलब ये घर हमारे साथ सुबह से शाम तक चलेगा."
राहुल गांधी ने संबोधन में अपने बचपना का किस्सा भी साझा किया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि जब सात साल का था तब 1977 में एक दिन मां ने बताया कि हम घर छोड़ रहे हैं. मां ने पहली बार ये बताया कि ये हमारा घर नहीं है. मैंने पूछा कहां जाना है तो बोलीं "नहीं मालूम".
पीएम पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा को बहुत प्यार मिला. उन्होंने कहा, "हमने हिंदुस्तान की भावना, तिरंगे की भावना जम्मू कश्मीर के युवाओं के अंदर डाल दी. आपने (प्रधानमंत्री) अपने झंडे की भावना जम्मू कश्मीर के युवाओं से छीन ली. ये फर्क है हमारे और आप में... तिरंगा दिल की भावना है, हमने इस भावना को कश्मीर के युवाओं के दिल के अंदर जगाया. हमने उनसे नहीं कहा कि तुम्हें तिरंगा लहराना है, तिरंगा उठाकर चलना है... वो अपने आप आए, हजारों-लाखों आए और अपने हाथ में तिरंगा उठाकर चले."
अडानी-पीएम पर बरसे राहुल
राहुल गांधी ने अपने भाषण में अडानी प्रकरण का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "मैंने सिर्फ मोदी जी से सवाल पूछा कि आपका अडानी जी के साथ क्या रिश्ता है?... सारे के सारे मंत्री अडानी जी की रक्षा करने लगे. आखिर बीजेपी और आरएसएस को अडानी जी की रक्षा करने की जरूरत क्यों पड़ रही है." राहुल गांधी ने ये भी कहा कि डिफेंस का मामला है, लेकिन फिर भी जेपीसी नहीं बैठ रही है.
'कांग्रेस तपस्वियों की पार्टी है'
राहुल गांधी ने पूछा कि शैल कंपनियों की जांच क्यों नहीं हो रही है. उन्होंने कहा, "अडानी जी और मोदी जी एक है, देश का पूरा का पूरा धन एक ही व्यक्ति के हाथों जा रहा है. आजादी की लड़ाई भी एक कंपनी (ईस्ट इंडिया कंपनी) के खिलाफ हुई थी, अब देख सकते है कि इतिहास रिपीट हो रहा है. कांग्रेस पार्टी देश के लिए लड़ जाएगी, यह पार्टी तपस्वियों की पार्टी है न कि पुजारियों की."
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