Congress: कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और असम के लिए गठित की राजनीतिक मामलों की समिति, नए उपाध्यक्ष नियुक्त
मध्य प्रदेश के लिए गठित 21 सदस्यीय समिति में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह के अलावा गोविंद सिंह, कांति लाल भूरिया, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अर्जुन सिंह, विवेक तन्खा, नकुल नाथ, जीतू पटवारी को भी जगह दी गई है.
Madhya Pradesh, Assam Congress Political Affairs Committees: कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और असम के लिए राजनीतिक मामलों की समिति गठित की है. दोनों राज्यों की पार्टी इकाइयों में पदाधिकारियों की भी नियुक्ति की. वहीं, कांग्रेस ने पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी महिला इकाई की नई अध्यक्षा की भी घोषणा की है. पार्टी ने लक्ष्मी बर्मन को यह जिम्मेदारी दी है.
मध्य प्रदेश के लिए गठित 21 सदस्यीय समिति में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अलावा गोविंद सिंह, कांति लाल भूरिया, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अर्जुन सिंह, विवेक तन्खा, नकुल नाथ, जीतू पटवारी, महेंद्र जोशी और शोभा ओझा को जगह दी गई है.
मध्य प्रदेश में 50 नए उपाध्यक्ष नियुक्त
पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई में उपाध्यक्ष, महासचिवों और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है. इसी के साथ कांग्रेस ने मध्य प्रदेश इकाई में अभय दुबे, अजय चोर्डिया, अर्चना जायसवाल, शोभा ओझा और नूरी खान सहित 50 नए उपाध्यक्ष नियुक्त किए हैं. इनके अलावा 105 महासचिवों की भी नियुक्ति की गई है.
असम में 16 नए उपाध्यक्ष की नियुक्ति
दूसरी तरफ पार्टी ने असम यूनिट में भी 16 नए उपाध्यक्षों, 32 महासचिवों, 51 सचिवों और 15 संयुक्त सचिवों की नियुक्ति की है. कांग्रेस ने असम के लिए गठित राजनीतिक मामलों की समिति में अन्य के साथ राज्य के प्रभारी जितेंद्र सिंह, भूपेन कुमार बोरा, देबब्रत सैकिया, गौरव गोगोई, प्रद्युत बोरदोलोई और नंदिता दास को भी जगह दी है.
इसलिए पार्टी का इन दोनों राज्यों पर जोर
असम और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के ज्यादा फोकस करने के पीछे सबसे बड़ी वजह पार्टी का यहां मौजूद मजबूत जनाधार है. दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस बहुमत के साथ सत्ता में थी. पार्टी ने कमलनाथ को सीएम बनाया था. पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कई विधायकों के साथ बीजेपी का हाथ थाम लिया, जिसके बाद कमलनाथ सरकार गिर गई और बीजेपी ने यहां सरकार बना ली. वहीं असम की बात करें तो यहां भी पार्टी पहले सत्ता में रह चुकी है. पार्टी की सक्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि मौजूदा सीएम हिमंत विस्वा सरमा कांग्रेस छोड़कर ही बीजेपी में आए थे.
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