पटना: कोरोना महामारी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार प्रचार के लिए सभी पार्टियां पूरी तरह तकनीक पर निर्भर हो गई हैं. आरजेडी के साथ मिल कर सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही कांग्रेस ने डिजिटल सदस्यता अभियान चलाने के बाद अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के सहारे प्रचार का प्लान बनाया है. कांग्रेस ने 100 वर्चुअल रैली करने की योजना बनाई है. इसके लिए पटना से लेकर दिल्ली तक सेट अप तैयार किए गए हैं.
इसे 'बिहार क्रांति महासम्मेलन' का नाम दिया गया है जिसकी शुरुआत 7 सितम्बर को होगी. पहला चरण उत्तर बिहार के लिए होगा और पश्चिम चंपारण जिले में पहली सभा की जाएगी. हर सभा में 5 से 10 हजार लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. मोबाइल पर लिंक के माध्यम से लोगों को जोड़ा जाएगा. इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी रैलियां लाइव दिखाई जाएंगी. विधानसभाओं में एलईडी वैन भी लगाए जाएंगे. दिल्ली और पटना के अलावा इन सभाओं में जिला और विधानसभा क्षेत्र के स्तर के नेता भी अपनी बात रख पाएंगे.
पहले यह कार्यक्रम सितम्बर से शुरु होना था लेकिन पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के कारण एक हफ्ते के लिए टाल दिया गया. अब बचे हुए समय में 100 सम्मेलन पूरे कर पाना कांग्रेस के लिए चुनौती होगी. इसलिए रोजाना 2 से ज्यादा सभाएं की जाएंगी. बिहार के प्रभारी सचिव अजय कपूर ने बताया कि पूरी तैयारी की जा चुकी है और इन सम्मेलनों के जरिए बिहार के सभी जिलों तक कांग्रेस अपना सन्देश पहुंचाएगी. प्रचार के लिए कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं, मुख्यमंत्रियों आदि समेत करीब 30 स्टार प्रचारकों की सूची तैयार की है.
बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि "हम सकारात्मक एजेंडे के साथ लोगों के बीच जा रहे हैं. हमारा मुख्य फोकस पढ़ाई, कमाई, दवाई और किसान पर होगा. हम बाढ़ और सूखे की समस्या का समाधान करने के लिए जल प्रबंधन पर नीति लेकर आएंगे." गोहिल ने दावा किया कि लोग जेडीयू-बीजेपी सरकार की नाकामी से परेशान हैं और उन्हें विकल्प की तलाश है.
अभी यह साफ नहीं है कि 243 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए कांग्रेस कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी लेकिन बिहार कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि बीते विधानसभा चुनाव में आरजेडी करीब 100 सीटों पर पहले और दूसरे नम्बर पर आई थी. इन 100 सीटों को छोड़ कर वर्चुअल सम्मेलन के जरिए कांग्रेस बाकी सभी यानी करीब 145 सीटों पर प्रचार करने जा रही है. प्रचार की रणनीति से साफ है कि कांग्रेस ज्यादा सीटों के लिए आरजेडी पर दबाव बना रही है. 2015 में आरजेडी, जेडीयू के साथ कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
फिलहाल 100 वर्चुअल सम्मलेन चुनाव के एलान के पहले की तैयारी है. इसके बाद अक्टूबर की शुरुआत में राहुल गांधी की एक बड़ी वर्चुअल रैली का कार्यक्रम बनाया जा रहा जिसमें 5 लाख तक लोगों को जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है. अगस्त के पहले हफ्ते में राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था.
देखना होगा कि क्या कोरोना और सोशल डिस्टेंसिंग के बीच तकनीक के सहारे कांग्रेस सत्ता से इतने सालों की डिस्टेंसिंग खत्म कर पाएगी?