Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान आरंभ हो गया है. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और जयराम रमेश सहित कई नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए वोट डाला. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में आमने-सामने हैं.


इस कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के बाद पार्टी को 24 से अधिक वर्षों में एक गैर-गांधी अध्यक्ष मिलना तय है. पार्टी हेडक्वार्टर में चिदंबरम ने सबसे पहले मतदान किया. उनके बाद पार्टी महासचिव रमेश, अजय माकन और कई दूसरे लोगों ने मतदान किया.


यह ऐतिहासिक मौका है


वोट देने के बाद जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, 'यह ऐतिहासिक मौका है. हमारे यहां स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से चुनाव हो रहा है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस एकमात्र राजनीति दल है जहां अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होता है. हमारे यहां टी एन शेषन की तरह केंद्रीय चुनाव मंजूरी के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री हैं. किसी दूसरी पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होता.'


पहला वोट पी. चिदंबरम ने डाला


कांग्रेस के करीब नौ हजार से अधिक निर्वाचक (डेलीगेट) आज यानी सोमवार (17 अक्टूबर) को पार्टी प्रमुख चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं. कांग्रेस मुख्यालय में पहला वोट पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने डाला. मतदान AICC हेडक्वार्टर के अलावा देशभर के 65 से अधिक मतदान केंद्रों में हो रहा है. यह कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए मतदान हो रहा है.


22 साल के बाद हो रहा है चुनाव


कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, अध्यक्ष पद के लिए अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं. पूरे 22 वर्षों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है. अध्यक्ष पद चुनाव के परिणाम की घोषणा 19 अक्टूबर को की जाएगी. पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के यहां AICC हेडक्वार्टर में मतदान करने की उम्मीद है. वहीं, राहुल गांधी कर्नाटक के संगनकल्लू में बल्लारी में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शिविर में लगभग 40 अन्य ‘भारत यात्रियों’ के साथ मतदान करेंगे.


उम्मीदवार अपने गृह राज्य से देंगे वोट


कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थरूर अपना वोट तिरुवनंतपुरम के केरल कांग्रेस हेडक्वार्टर में डालेंगे, जबकि खड़गे बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस कार्यालय में मतदान करेंगे. थरूर ने चुने वालों से ‘‘बदलाव अपनाने’’ का साहस दिखाने का  गुहार करते हुए रविवार को कहा था कि वह जिन बदलावों के बारे में सोच रहे हैं उनमें पार्टी के ‘‘मूल्यों’’ में कोई बदलाव नहीं होगा केवल लक्ष्य पाने के तरीकों में बदलाव आएगा.


थरूर ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा था, ‘‘हमारे जैसे बड़े संगठन में बदलाव को लेकर चिंताएं स्वाभाविक हैं, इसलिए मैं सीधे तौर पर इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिन में हमने जो बातचीत की है, मैंने महसूस किया कि आप में से कई ने अभी तक अपना मन नहीं बनाया है कि किसे वोट देना है. मेरा मानना है कि मेरा डिसेंट्रलाइजेशन, आधुनिकीकरण और मिलने का संदेश आपको प्रभावित कर सकता है, लेकिन फिर भी आपके मन में बदलाव को लेकर चिंताएं और संकोच हैं.’’


गांधी परिवार की सलाह लेने में झिझक नहीं  


मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा था कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई झिझक नहीं होगी, क्योंकि उस परिवार ने काफी संघर्ष किया है. पार्टी के विकास में बड़ा योगदान दिया है. खड़गे ने उनके अध्यक्ष बनने पर ‘रिमोट कंट्रोल’ के सवाल पर कहा था, ‘‘विपक्षी दल ऐसी बातें करते रहते हैं क्योंकि उनके पास कहने के लिए और कुछ नहीं है".


भाजपा इस तरह के अभियान में शामिल है. दूसरे लोग इसकी नकल करते हैं. सोनिया गांधी ने संगठन में 20 साल तक काम किया है. राहुल गांधी भी अध्यक्ष थे. उन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया है और इसकी उन्नति के लिए अपनी ताकत लगाई है.’’


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