नई दिल्ली: राहुल गांधी आज पार्टी के अगले अध्यक्ष के रुप में अपना कार्यभार संभाल लिया है. राहुल की ताजपोशी को भव्य बनाने के लिए काफी तैयारियां की गई हैं, जिसमें देशभर के कांग्रेसी पदाधिकारी शामिल हुए हैं. अध्यक्ष बनते ही राहुल गांधी ने पहले संबोधन में बीजेपी पर करारा वार किया और कहा कि बीजेपी पूरे देश में हिंसा फैला रही है.
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- बीजेपी पर राहुल गांधी ने कहा- कांग्रेस मुक्त भारत करने वाली बीजेपी को भी हम अपना भाई मानते हैं. हम उन्हें एक नज़र से देखते हैं बस विचारधारा में फर्क है. उनका गुस्सा हमें और ताकतवर बनाता है.
- राहुल गांधी ने कहा- मेरे लिए कांग्रेस पार्टी का जो कार्यकर्ता है, जो इस पार्टी की विचारधारा को अपने खून पसीने से देश के हर गांव, हर शहर पहुंचाता है उसकी रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है. आश्वासन देना चाहता हूं कि आपकी आवाज पूरे हिंदुस्तान में सुनाई देगी.
- कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के बाद संबोधन में #RahulGandhi ने कहा- एक बार आग लग जाती है तो उसे बुझाना बहुत मुश्किल होता है. यही बात मैं बीजेपी को समझाना चाहता हूं. बीजेपी के लोग पूरे देश में आग और हिंसा फैला रहे हैं. इसे रोकने के लिए सिर्फ एक शक्ति है और वो है कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता. वो तोड़ते हैं हम जोड़ते हैं. वो आग लगाते हैं हम बुझाते हैं. वो गुस्सा करते हैं, हम प्यार करते हैं. आज मैं कार्यकर्ताओं को आश्वासन देना चाहता हूं कि आप सब मेरे परिवार हो. युवा हों या बुजुर्ग आप सब मेरे हो. आप सबको दिल से अपना पूरा प्यार दूंगा.
- कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के बाद राहुल गांधी ने कहा- आज खानपान को लेकर हत्या हो रही है. गरीबों की बात करने पर आज निशाना बनाया जाता है.
- सोनिया ने कहा- आपने इस नेतृत्व के लिए राहुल को चुना है. राहुल मेरा बेटा है. उसकी तारीफ करना उचित नहीं लगता. मगर इतना जरूर कहूंगी कि बचपन से ही उसने अपार दुख झेला था. लेकिन राजनीति में आने पर उसने ऐसे व्यक्तिगत हमले को झेला जिसने उससे और भी निडर इंसान बनाया. मुझे उसकी सहनशीलता और दृढ़ता पर गर्व है.
- सोनिया गांधी ने कहा- आपने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया है. आपको धन्यवाद देती हूं. आप सब कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता हैं. सत्ता, शोहरत और स्वार्थ आपका मकसद नहीं है. देश आपका मकसद है. देश के मूल भावना को बचाना आपका मकसद है. आज देश के सामने बड़ी चुनौती है. हमारी संस्कृति पर वार हो रहा है. हर तरफ भय का माहौल बनाया जा रहा है. आज भी अगर अपने वसूलों पर खरे नहीं उतरेंगे तो देश की रक्षा नहीं कर पाएंंगे. हम डरेंगे नहीं और झुकेंगे भी नहीं.
- सोनिया गांधी ने अपने विदाई भाषण में कहा, ''शुरू में मैं सोच नहीं पा रही थी कि मैं किस तरह इसे संभालूंगी. मेरे सामने बहुत कठिन कर्तव्य था. तब तक राजनीति से मेरा नाता नीजि था. जब मैं इस परिवार में आई तो ये क्रांतिकारी परिवार था. इंदिरा जी इसी क्रांतिकारी परिवार की बेटी थीं. इस परिवार ने देश के लिए अपने पारिवारिक जीवन को त्याग दिया. उस परिवार का एक-एक सदस्य जेल जा चुका था. देश ही उनका मकसद था देश ही उनका जीवन था. इंदिरा जी ने मुझे बेटी की तरह अपनाया. 1984 में उनकी मौत हो गई. मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे कि मेरी मां मुझसे छिन ली गई. उन दिनों मैं राजनीति को एक अलग नजरिए से देखती थी. मैं अपने आपको, पति और बच्चों को इससे दूर ही रखना चाहती थी. मगर मेरे पति के कंधो पर बड़ी जिम्मेदारी थी. उन्होंने अपना कर्तव्य समझकर पीएम का पद स्वीकार किया. उनके साथ मैंने देश के कोने-कोन तक दौरा किया. चुनौतियों को पहचाना. उसके बाद मेरे पति की भी हत्या हुई. मुझसे मेरा सहारा छिन गया. कई साल बाद जब मुझे महसूस हुआ कि कांग्रेस कमजोर हो रही है. उसके सामने कठिन चुनौतिया आ रही हैं तभी मुझे पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं की पुकार सुननी पड़ी. मुझे लगा कि इसे नकारने से इंदिरा जी और राजीव जी की आत्मा को ठेस पहुंचेगी. इसलिए देश के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए मैं राजनीति में आई.''
- सोनिया गांधी को तीन बार अपना संबोधन रोकना पड़ा.
- संबोधित करने मंच पर पहुंची सोनिया गांधी, आतिशबाजी और पटाखों की आवाज की वजह से बोल नहीं पा रही हैं. बार-बार मना करने पर भी कार्यकर्ता पटाखे फोड़ना नहीं बंद कर रहे.
- सोनिया गाँधी ने बेटे राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर शुभकामनाएं दीं और आशीर्वाद भी दिया. उन्होंने कहा, ''एक नया दौर और एक नए नेतृत्व आपके सामने हैं.''
- सोनिया गांधी ने कल ही रिटायर होने का ऐलान किया. आज कांग्रेस ने उन्हें 'थैंक्यू' कहा है. सोशल मीडिया पर लगातार
#ThankYouSoniaGandhi ट्रेंड भी कर रहा है.
- कांग्रेस अध्यक्ष बने #RahulGandhi, कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी ने निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र दिया
- मंच पर पहुंचे राहुल गांधी, बगल में मां सोनिया गांधी बैठी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री मनमोहन सिंह भी हैं मौजूद
- मां सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय पहुंच चुके हैं.
- राहुल गांधी घर से निकले, कुछ ही देर में दफ्तर में होगी ताजपोशी
- प्रियंका गांधी पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ कांग्रेस दफ्तर पहुंच चुकी हैं.
- कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी की अध्यक्ष पद की नेम प्लेट लगी
- भोजपुरी धुन पर कांग्रेस दफ्तर के बाहर ऑर्केस्ट्रा पर गायिका गाने गा रहीं हैं. दफ्तर के बाहर नेशनल हेराल्ड अखबार बांटे जा रहे हैं. कार्यकर्ता नाच गाकर अपने नए नेता के आने का इंतज़ार कर रहे हैं.
- कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सुबह से ही जश्न का माहौल, आतिशबाजी हो रही है, ढ़ोल-नगारे बजाए जा रहे हैं.
- कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी आज सुबह 11 बजे राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र देगी. इसके बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और सबसे आखिर में राहुल गांधी का संबोधन होगा. राहुल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और महासचिवों के साथ मुलाकात भी करेंगे. कार्यक्रम कांग्रेस मुख्यालय के लॉन में आयोजित किया गया है.
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हर तरफ सेलिब्रेशन का माहौल
राहुल के नेतृत्व से सबसे ज्यादा उम्मीदें पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को है. पिछले कुछ दिनों सेलिब्रेशन की जो तस्वीरें आ रही हैं उनमें इस जोश की झलक देखी जा सकती है. कहीं मंत्रोच्चार के बीच राहुल राज की तैयारी की जा रही है तो कहीं मिठाइयां बांटकर खुशियों का इजहार किया जा रहा है. हालांकि जश्न की इन तस्वीरों के बीच बतौर अध्यक्ष राहुल गांधी की जिम्मेदारियों का दायरा कहीं ज्यादा बड़ा है. उनके सामने कई ऐसी चुनौतियां है, जिससे पार पाकर ही उन्हें चुनावी संग्राम में जीत का सेहरा बांधने का मौका मिलेगा.
राहुल की चुनौतियां
- कांग्रेस इस वक्त अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. लगातार कमजोर होती कांग्रेस को एक संगठन के तौर पर दोबारा खड़ा करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी राहुल गांधी के कंधों पर होगी.
- फिलहाल महज 6 राज्यों में कांग्रेस की सरकार है और अगले साल एमपी,छत्तीसगढ़, राजस्थान समेत 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव है जिसमें पार्टी को जीत दिलाना राहुल के लिए आसान नहीं होगा.
- इन सब के बीच राहुल को 2019 लोकसभा चुनाव की भी तैयारियों पर नजर रखनी होगी, जिसके लिए उन्हें दूसरी पार्टियों से गठबंधन की संभावनाएं भी तलाशनी होगी. राहुल के अध्यक्ष बनते ही गुजरात और हिमाचल चुनाव के नतीजे सामने होंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले नेहरू-गांधी परिवार के छठे सदस्य हैं राहुल
राहुल गांधी को 11 दिसंबर को पार्टी का अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया था. राहुल के पक्ष में 89 नामांकन पत्रों के सेट दाखिल किये गये थे. राहुल गांधी ने 4 दिसंबर को अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. उस समय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ और युवा नेता, कांग्रेस के अन्य संगठनों के नेता, विभिन्न वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री पार्टी मुख्यालय में जुटे थे और यह संकेत देने का प्रयास किया गया था कि पार्टी के सभी वर्ग राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं.
राहुल पार्टी की बागडोर अपनी मां सोनिया गांधी से संभालेंगे जिन्होंने 19 साल तक यह दायित्व संभाला. सोनिया करीब सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस में अध्यक्ष पद पर सर्वाधिक समय तक रहने वाली नेता हैं. राहुल ने जनवरी 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष का पद संभाला था. वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले नेहरू-गांधी परिवार के छठे सदस्य हैं.