Congress President Election: कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर चल रही चर्चा के बीच राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि वो 'एक व्यक्ति, एक पद' सिद्धांत के पक्ष में है. केरल से गुजर रही भारत जोड़ो यात्रा के पंद्रहवें दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जो उदयपुर में तय किया वो कांग्रेस का वादा है, उम्मीद है कि वादा निभाया जाएगा.


राहुल गांधी का जवाब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को एक संदेश माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने दिल्ली में कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ कोई शख्स मुख्यमंत्री या मंत्री रह सकता है. अशोक गहलोत के अगला कांग्रेस अध्यक्ष बनने की पूरी संभावना है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे कि क्या वो सीएम का पद छोड़ेंगे? दूसरी ओर कांग्रेस नेता सचिन पायलट की नजर राजस्थान में सीएम की कुर्सी पर है, लेकिन उनके नाम पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तैयार नहीं है. बुधवार को केरल में सचिन पायलट ने राहुल गांधी से मुलाकात की. घटनाक्रम रोचक इसलिए हो गया, क्योंकि सीएम अशोक गहलोत दिल्ली में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के बाद राहुल गांधी से मिलने केरल पहुंचे हैं.


राजस्थान का सीएम कौन बनेगा?
ऐसे में कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार के लिए पार्टी अध्यक्ष के सवाल से ज्यादा राजस्थान के सीएम का सवाल पेचीदा है. माना जा रहा है कि 'एक व्यक्ति, एक पद' की पैरवी कर राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को स्पष्ट संदेश दे दिया है. राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर लौटने को तैयार नहीं हैं, लेकिन अभी भी इसका आधिकारिक एलान करने से बच रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदारों को सुझाव दिया कि ये एक संगठन का पद मात्र नहीं बल्कि एक वैचारिक पद है. जो भी कांग्रेस अध्यक्ष बनेगा उसे ध्यान रखना चाहिए कि वो एक विचारधारा और भारत के नजरिए का प्रतिनिधित्व करेगा.


क्या राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे?
एबीपी न्यूज के सवाल पर कि साफ लग रहा है कि आप कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बन रहे तो कार्यकर्ताओं को क्या जवाब देंगे? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि हम एक परिवार हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मेरा सीधा जुड़ाव है. वो जो पूछते हैं, मैं सीधा बता देता हूं, इसके लिए मुझे मीडिया की जरूरत नहीं है. बीजेपी, लेफ्ट औऱ दूसरी पार्टियों से अध्यक्ष पद को लेकर क्यों नहीं सवाल करते?


हमारी पार्टी में तो वर्कर भी चुनाव लड़ सकता है. उन्होंने आगे कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से ज्यादा बड़ी बात यह है कि किस तरह से देश को बांटा और तोड़ा जा रहा है. आरएसएस-बीजेपी के कब्जे से देश को निकालने के लिए जरूरी है कि विपक्षी पार्टी एकजुट हो और संवाद करके एक रणनीति के साथ आगे बढ़े.


भारत जोड़ो यात्रा के बाद क्या होगा?
भारत जोड़ो यात्रा के बाद 2024 लोकसभा चुनाव में चेहरा बनने के सवाल पर चुटकी लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर मैं यहां पांच लोगों से बात करता हूं तो आप कहेंगे कि 2024 के लिए बात की. कहीं किसी के साथ आइसक्रीम खाऊं तो भी आप उसे 2024 से जोड़ देंगे. साथ ही उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा को कामयाब बताते हुए कहा कि केरल में यात्रा काफी सफल रही है. राजनीतिक विचारधारा  से ऊपर उठ कर लोग आगे आ रहे हैं. यह काफी उत्साहित करने वाला है.


राहुल गांधी ने आगे बताया कि इस यात्रा का मकसद है एकजुट भारत जहां लड़ाई–झगड़े और नफरत ना हो जैसा ज्यादातर लोग चाहते हैं. इसके अलावा बेरोजगारी और आसमान छूती मंहगाई का मुद्दा है. ये चीजें आपस में जुड़ी हुई. बीजेपी–आरएसएस द्वारा फैलाए जा रहे नफरत है. देश के लोग यह समझ रहे हैं. इससे फर्क नहीं पड़ता कि हम किन राज्यों में नहीं जा रहे, यात्रा का असर पूरे देश में पड़ेगा. लोग काफी पीड़ा में है.


गोवा में कांग्रेस हुई कमजोर?
गोवा में कांग्रेस में हुई टूट पर राहुल गांधी ने कहा कि हम एक ऐसी मशीन से लड़ रहे हैं, जिसने कि  इस देश की संस्थाओं को कब्जे में कर लिया है. जिनके पास अथाह पैसा है. साथ ही लोगों पर दबाव डालने, डराने और खरीदने की असीमित क्षमता है. भारत जोड़ो यात्रा लोगों को यह बताने के लिए है कि उन्हें एकजुट होने की जरूरत है. लोगों को वापस उस भारत में जाना होगा जहां प्रेम और स्नेह था.


सीपीएम द्वारा निशाना बनाए जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि लेफ्ट नेताओं की राजनीतिक मजबूरी मैं समझता हूं लेकिन वो भी दिल से जानते हैं कि मैं सही मुद्दा उठा रहा हूं. पीएफआई के दफ्तरों पर छापे और उसके नेताओं की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि सभी तरह की सांप्रदायिकता और हिंसा एक जैसी है जिसका मुकाबला करना चाहिए. 


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