Congress President Election: 17 अक्टूबर को कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है. कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुर से सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) के पद पर चुनाव लड़ने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. हालांकि, अभी उन्होंने इस पर अंतिम फैसला नहीं किया है. पीटीआई सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है. सूत्रों के मुताबिक शशि थरूर ने अभी अपना मन नहीं बनाया है लेकिन वह जल्द ही इस पर कोई फैसला ले सकते हैं.
बहरहाल, थरूर ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह इस मुकाबले में शामिल होंगे या नहीं. हालांकि उन्होंने मलयालम के दैनिक अखबार मातृभूमि में एक लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने ‘‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष’’ चुनाव कराने का आह्वान किया है. इस आर्टिकल में उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की दर्जन भर सीटों के लिए भी पार्टी को चुनाव की घोषणा करनी चाहिए.
शशि थरूर कांग्रेस के G-23 नेताओं में भी शामिल थे
थरूर ने आर्टिकल में लिखा है, "पार्टी को सीडब्ल्यूसी के सदस्य पद के लिए चुनाव का एलान करना चाहिए था. एआईसीसी और पीसीसी सदस्यों को यह चुनने की अनुमति दी जानी चाहिए कि पार्टी के इन प्रमुख पदों पर कौन-कौन नेतृत्व करेगा." बता दें कि शशि थरूर कांग्रेस के G-23 नेताओं में भी शामिल थे जो बराबर पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग कर रहे हैं.
नए अध्यक्ष का चुनाव कांग्रेस को फिर से सक्रिय करने की दिशा में शुरुआत है
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने लिखा है, "फिर भी, एक नए अध्यक्ष का चुनाव कांग्रेस को फिर से सक्रिय करने की दिशा में एक शुरुआत है."थरूर ने ये भी कहा है कि चुनाव के अन्य लाभकारी प्रभाव भी हैं जैसे कि, "हमने हाल ही में नेतृत्व की दौड़ के दौरान ब्रिटिश कंजरवेटिव पार्टी में वैश्विक रुचि देखी है. ऐसा हम 2019 में पहले ही देख चुके हैं, जब एक दर्जन उम्मीदवारों ने थेरेसा मे को बदलने के लिए चुनाव लड़ा था और बोरिस जॉनसन शीर्ष नेता के रूप में उभरे थे."
उन्होंने आगे लिखा है, “कांग्रेस के लिए इसी तरह के परिदृश्य को दोहराने से पार्टी में राष्ट्रीय हित बढ़ेगा और एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी की ओर अधिक मतदाताओं को प्रेरित करेगा.”
सबसे ज्यादा जरूरत इस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष की है
थरूर ने लिखा, "इस कारण से, मुझे उम्मीद है कि कई उम्मीदवार विचार के लिए खुद को पेश करने के लिए आगे आएंगे. पार्टी और राष्ट्र के लिए अपने दृष्टिकोण को सामने रखने से निश्चित रूप से जनहित में हलचल होगी. जहां पूरी पार्टी को नवीनीकरण की जरूरत है, वहीं सबसे ज्यादा जरूरत इस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष की है. पार्टी की वर्तमान स्थिति, संकट की धारणा और राष्ट्रीय तस्वीर को देखते हुए, जो कोई भी अध्यक्ष का पद ग्रहण करता है, उसे निस्संदेह कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और मतदाताओं को प्रेरित करने के दोहरे लक्ष्यों को प्राप्त करने की आवश्यकता होगी. उनके पास पार्टी की समस्याओं को ठीक करने की योजना होनी चाहिए, साथ ही साथ भारत के लिए एक विजन भी होना चाहिए. आखिरकार, एक राजनीतिक दल देश की सेवा करने का एक साधन है, न कि अपने आप में एक लक्ष्य. किसी भी तरह से, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया इस मुद्दे को सुलझाने का एक स्वस्थ तरीका होगा. यह आने वाले नए अध्यक्ष को दिए जा रहे जनादेश को वैध करेगा."
कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा
बता दें कि आंतरिक उथल-पुथल का सामना कर रही कांग्रेस ने रविवार को घोषणा की थी कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा. साथ ही कहा था कि यह देश की एकमात्र पार्टी है जो इस तरह के लोकतांत्रिक अभ्यास का पालन करती है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव का परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किया जाएगा. चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी, जबकि नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से शुरू होगी और 30 सितंबर तक चलेगी.
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