Congress Shashi Tharoor: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर शुक्रवार (30 सितंबर) को नामांकन का आखिरी दिन है. इस रेस में शामिल होने के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने शुरुआत में ही इच्छा जाहिर कर दी थी और बिना किसी दोहरे विचार के अपना नाम आगे रखा. वह आज पूरी तरह से नामांकन दाखिल करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने नामांकन जमा करने से पहले 'द इंडियन एक्सप्रेस' से बातचीत की और अपने मन की बाते सामने रखीं.
शशि थरूर ने इस दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के लिए तैयार, चुनाव लड़ने के अपने कारणों, पार्टी के लिए अपनी योजनाओं, गांधी परिवार की भूमिका, कांग्रेस के भविष्य के लिए चुनाव के महत्व सहित कांग्रेस से जुड़े तमाम मुद्दों पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि वह अपनी ताकत और कमजोरियों दोनों को महसूस करते हैं.
'गहलोत-दिग्विजय दोनों ही अच्छे दोस्त'
थरूर ने अपनी उम्मीदवारी को लेकर कहा कि वह हमें हमेशा से कहते आए हैं अगर आप उम्मीदवार बनने जा रहे हैं, तो आपको चुनाव में आने वाले किसी भी व्यक्ति का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा. इसलिए उनके लिए अन्य उम्मीदवारों की पहचान कोई मुद्दा नहीं है. अशोक गहलोत और दिग्विजय सिंह को लेकर कहा कि यह दोनों ऐसे दोस्त हैं, जिनकी हमेशा तारीफ की है. दोनों के साथ ही अच्छे रिश्ते हैं.
सियासी बवाल पर शशि थरूर की सफाई
चुनाव को लेकर चल रहे सियासी बवाल के बीच उन्होंने कहा कि पार्टी इसे प्रतिद्वंद्वियों के बीच लड़ाई के रूप में नहीं देखती है. इसे सहकर्मियों के बीच एक मैत्रीपूर्ण प्रतियोगिता के रूप में देखा जाना चाहिए. इस भावना से पार्टी को अंतिम विजेता होना चाहिए. मुद्दा यह है कि इस कवायद से पार्टी को फायदा होना चाहिए. कांग्रेस कुछ ऐसा कर रही है, जो किसी और पार्टी ने नहीं किया है.
कांग्रेस को अपने मतदाताओं को वापस लाना जरूरी
2014 में बीजेपी की जीत को लेकर थरूर ने कहा कि जिसने 2014 या 2019 में बीजेपी को वोट दिया जरूरी नहीं कि उनमें शामिल सभी लोग कट्टर हिंदुत्ववादी हों. या हमेशा के लिए हमने उन मतदाताओं को खो दिया है. कई लोग ऐसे भी होंगे, जिन्होंने कई दूसरे कारणों से वोट किया होगा. पुलवामा और बालाकोट या फिर 2014 में अर्थव्यवस्था भी इसका कारण हो सकते हैं. यह भी हो सकता है कि इस तरह के सभी संदेशों ने उन मतदाताओं को छीन लिया हो, जो एक समय पर कांग्रेस के मतदाता थे.
उन्होंने कहा कि हमें सभी मतदाताओं को वापस लाने की जरूरत है. उनके पास संगठनात्मक सुधारों के लिए भी विचार हैं और उनमें से एक का मतलब होगा सत्ता के कुछ अति-केंद्रीकरण को दूर करना और राज्य-स्तरीय नेताओं को सशक्त बनाना.
'सभी करना चाहिए राहुल गांधी का सम्मान'
2019 के लोकसभा चुनाव के बाद, राहुल गांधी ने पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपने इस्तीफे की पेशकश की थी. इसपर थरूर ने कहा कि वह भी उन कई लोगों में से एक थे, जिन्होंने उनसे बात करने की कोशिश की थी. हालांकि, वह अपने फैसले पर अडिग रहे और इसके लिए सभी को उनका सम्मान करना चाहिए.
आप अपनी ताकत क्या मानते हैं?
उम्मीदवारी पर उनकी ताकत को लेकर पूछे गए सवाल में थरूर ने कहा कि उन्होंने पार्टी संगठन के अंदर बहुत ज्यादा काम नहीं किया. वह अखिल भारतीय पेशेवर कांग्रेस के संस्थापक रहे हैं, जिसे उन्हें खरोंच से बनाना था. उन्होंने इसे महज 5 सालों में 20 राज्यों में 1,000 से ज्यादा फेलो के साथ विश्वसनीय रूप से स्थापित किया. इसलिए उन्हें पता है कि कांग्रेस के अंदर एक वैकल्पिक मॉडल कैसे बना सकते हैं.
'9100 मतदाताओं भेजूंगा संदेश'
शशि थरूर ने कहा कि वह आधिकारिक रूप से उम्मीदवार बनने के बाद ही घोषणा पत्र जारी करेंगे. हालांकि, वह अपने कुछ विचार लिखित रूप में बताएंगे और 9100 मतदाताओं को संदेश भेजेंगे. वह विशेष रूप से पार्टी को सुधारने और फिर से सक्रिय करने के लिए विचारों की पेशकश करेंगे. मुख्य रूप से इसके अंदर विकेंद्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करना, पार्टी के अंदर परामर्श तंत्र को बढ़ाना और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सभी स्तरों पर नेतृत्व तक अधिक पहुंच प्रदान करना शामिल होगा.
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