Mallikarjun Kharge Letter To Jagdeep Dhankhar: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को एक पत्र लिखकर CPWD, CISF और टाटा प्रोजेक्ट के अधिकारियों के उनके दफ्तर में अनधिकृत प्रवेश पर अपनी नाराजगी जताई है. दरअसल, बीते 28 सितंबर को संसद स्थित मल्लिकार्जुन खरगे के दफ्तर में CPWD, CISF और टाटा प्रोजेक्ट के अधिकारी बिना पूर्व सूचना दिए दाखिल हुए थे, जिसको लेकर उन्होंने सभापति को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है.


3 अक्टूबर को लिखे पत्र में खरगे ने इस घटना को नेता विपक्ष के विशेषाधिकार का हनन,अपमानजनक और अस्वीकार्य बताया है साथ ही उन्होंने पूछा है कि किसके निर्देश पर ये लोग उनके दफ्तर में घुसे. खरगे ने धनखड़ से कहा है कि उन्हें यह जानकर गहरा सदमा लगा कि सीपीडब्ल्यूडी, सीआईएसएफ और टाटा प्रोजेक्ट्स के अधिकारी 28 सितंबर को नए संसद भवन में उनके दफ्तर जी-19 में बिना किसी पूर्व सूचना दिए घुस आए. यह एक असाधारण घटना है और यह एक सांसद और राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मेरे विशेषाधिकारों का घोर उल्लंघन है, जिस हैसियत से मुझे यह दफ्तर दिया किया गया है.


अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग


खरगे ने बिना पूर्व सूचना दिए प्रवेश के लिए जवाबदेही की मांग की साथ ही स्पष्टीकरण की मांग की है. उन्होंने इस घटना को अपमानजनक और पूरी तरह से अस्वीकार्य बताते हुए कहा है कि इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.




भविष्य में ऐसी घटनाओं के खिलाफ मांगा आश्वासन


कांग्रेस नेता खरगे ने उम्मीद जताई है कि ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए कार्रवाई किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह के प्रवेश की आवश्यकता है, तो मेरी अनुमति लेनी होगी और मेरे कार्यालय में किसी की मौजूदगी में ऐसा किया जाना चाहिए. सीआईएसएफ ने अभी तक इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया है. हालांकि, सूत्रों ने खुलासा किया है कि संसद के अंदर रिनोवेशन और कंस्ट्रक्शन के दौरान प्रोटोकॉल के तहत सीआईएसएफ के जवान अन्य एजेंसियों के साथ मौजूद थे.


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