Mallikarjun Kharge in Rajya Sabha: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सोमवार (1 जुलाई) को बेहद ही आक्रामक नजर आए. उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों का जिक्र करते हुए राज्यसभा में हाथ जोड़कर माफी मांग ली. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर नेता प्रतिपक्ष ने ऐसा क्या कहा कि उन्हें माफी मांगना पड़ गई. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है. 


दरअसल, मल्लिकार्जुन खरगे लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जरिए दिए गए भाषणों का जिक्र कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने सभापति जगदीप धनखड़ को बताया कि किस तरह से कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र को एक धर्म विशेष से जोड़ा गया. खरगे ने कहा कि पीएम मोदी ने चुनाव के दौरान कांग्रेस को हमला बोलते हुए कई विवादित बयान दिए, जिस पर पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत भी की. मगर किसी तरह का कोई भी एक्शन पीएम के खिलाफ नहीं लिया गया.


खरगे ने क्यों जोड़ लिए हाथ?


मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सच बोलने वाले अक्सर बहुत ही कम बोलते हैं, झूठ बोलने वाले लेकिन निरंतर हरदम बोलते हैं. एक सच के बाद और सच की जरूरत नहीं होती. एक झूठ के बाद सैकड़ों झूठ आदतन बोलते हैं. ये मोदी साहब की वाणी है. उन्होंने आगे कहा कि इसे सुनकर अगर आपको या किसी को दुख हुआ तो मैं हाथ जोड़कर क्षमा मांगता हूं. इसके बाद उन्होंने हाथ जोड़कर सभापति जगदीप धनखड़ की ओर इशारा किया. इस दौरान सत्ता पक्ष के सांसदों ने काफी हंगामा भी किया. 


पीएम मोदी ने चुनाव में किया हिंदू-मुस्लिम, लेकिन नहीं हुआ एक्शन: खरगे


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैंने केवल सच बात रखी. सच कोई किसी को डिफेंड नहीं करना होता है. बहुत सारे बयान चुनाव में आए पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने इसको अपने अभिभाषण में संबोधित नहीं किया. चुनाव आयोग ने चुनाव घोषित करते समय कहा था कि कास्ट, धर्म आदि आधारित बातें नहीं होगीं. 300 से ज्यादा बार पीएम मोदी ने मंदिर-मस्जिद, मुस्लिम और बाकी धर्मों की बात की. 224 बार मुस्लिम, पाकिस्तान, समाज बांटने वाली बातें कीं.. हमारा घोषणापत्र एक धर्म विशेष से जोड़ दिया गया.


उन्होंने बताया कि 117 शिकायतें कांग्रेस ने दी, जिसमें 14 शिकायतें पीएम के खिलाफ थीं. मगर उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, उस पर जनता का भरोसा होना चाहिए. पीएम के खिलाफ हमने शिकायत कीं, लेकिन कोई कार्रवाही नहीं हुई.


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