Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चीन के मुद्दे पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला है. मल्लिकार्जुन खरगे ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के चीन के साथ सैनिकों की वापसी से जुड़ी समस्याओं का लगभग 75 प्रतिशत समाधान होने वाले बयान पर निशाना साधा है. 

 

मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अथाह चीनी प्रेम भारत की आर्थिक और भौगोलिक सम्प्रभुता एवं अखंडता के लिए खतरा है.' अपने पोस्ट के साथ ही खरगे ने एक तस्वीर भी शेयर की जिसमें पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग साथ नजर आ रहे हैं. 

 

चीन के सवालों पर मौन रहने का आरोप

 

मल्लिकार्जुन खरगे ने X पर लिखा, 'अब विदेश मंत्री ने कहा है कि चीन के साथ 75% समाधान हो चुका है. ये वही विदेश मंत्री है जिन्होंने अप्रैल 2024 में “चीन ने हमारी किसी जमीन पर कब्जा नहीं किया है. जैसा बयान मोदी की क्लीन चिट को कॉपी कर के ही दिया है. ये अजीब बात है कि प्रधानमंत्री और उनके विदेश मंत्री चीन पर संसद में विपक्ष के सवालों पर मौन रहते हैं, पर विदेशी धरती पर बयानबाज़ी करते रहते हैं. गलवान में शहीद हमारे 20 जांबांजों के प्राणों की आहुति को दरकिनार कर चीन को क्लीन चिट थमाई. क्या ये सच नहीं है कि देपसांग मैदान, डेमचोक नाला और हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट में कई पेट्रोलिंग पॉइंट्स से अभी भी भारत वंचित है? क्या ये सच नहीं है कि मई 2020 के कई अतिक्रमण बिंदुओं पर भारत की दावा की गई रेखाओं के अंदर बफर जोन बनाकर मोदी सरकार ने चीन के पक्ष में एक वास्तविक बदलाव को मंजूर कर दिया?'






'चीनी कंपनियों के लिए लाल कार्पेट बिछा रहे'


मल्लिकार्जुन खरगे ने लिखा, 'मेक इन इंडिया और आत्मिनर्भर भारत पर पूर्णतः नाकाम रही मोदी सरकार अब डोकलाम और गलवान भूलकर चीनी कंपनियों के लिए "लाल कार्पेट" बिछाने में मशगूल है. मोदी सरकार ने पहले ही चीनी नागरिकों के लिए वीजा जारी करना आसान कर दिया है और चीनी निवेश के लिए भी तैयारियां हो रही हैं. गलवान के बाद से चीनी समान का आयात 56% बढ़ गया है. ऐप बैन करना तो दिखावा था, मोदी सरकार अब खुलकर चीनी निवेश की पैरवी कर रही है. गुजरात में झूला-डिप्लोमसी से लेकर गलवान त्रासदी तक... PMCARES में चीनी फंड से लेकर अब विफल PLI योजना में चीनी जान फूकने तक... ये आश्चर्य की बात नहीं कि सरकार की प्रिय, SEBI चेयरपर्सन भी चीनी कंपनियों में निवेश करने से पीछे नहीं है. नए खुलासों से यही साबित होता है कि बहुत कुछ है जिसकी पर्देदारी है. मोदी जी का चीनी लगाव देश के लिए हानिकारक है.'


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