Mallikarjun Kharge Email To ED Over Adani: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार (15 मार्च) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को ईमेल के माध्यम से एक पत्र भेजा, जिसके जरिये अडानी समूह पर लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने की मांग की गई है. कथित तौर पर खरगे ने यह ईमेल 16 विपक्षी दलों के नेताओं को प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में पहुंचकर हाथ से पत्र जमा करने से रोके जाने के बाद किया है.
बुधवार को संसद परिसर से ईडी कार्यालय तक बैरिकेड लगाए गए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेताओं को ईडी कार्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस ने यह कदम उठाया. इस दौरान परिसर के आसपास कथित तौर पर धारा 144 लागू कर दी गई, जो एक जगह चार से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने को प्रतिबंधित करती है. ईडी मुख्यालय की ओर मार्च निकालने वाले 16 विपक्षी दलों के नेताओं को पुलिस ने विजय चौक पर ही रोक लिया.
'ED अपने अधिकार क्षेत्र का त्याग नहीं कर सकती'
ईडी के निदेशक एसके मिश्रा को ईमेल किए गए पत्र में विपक्षी नेताओं ने कहा कि यह संस्था अपने अधिकार क्षेत्र का त्याग नहीं कर सकती और उसे जांच करनी चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने मीडिया से कहा, ‘‘हम अडानी समूह के घोटाले के मामले में ज्ञापन देने के लिए ईडी निदेशक से मिलने जा रहे थे, लेकिन सरकार ने हमें रोक लिया और विजय चौक तक भी जाने नहीं दिया. उन्होंने दावा किया, ‘‘लाखों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. एलआईसी, स्टेट बैंक और दूसरे कई बैंक बर्बाद हो गए हैं. लोगों के बैंकों में रखे पैसे एक व्यक्ति को दे दिए गए. एक व्यक्ति अचानक से इतना अमीर हो गया. आज इस व्यक्ति की संपत्ति 13 लाख करोड़ रुपये हो गई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी जांच होनी चाहिए कि अडाणी और मोदी जी का रिश्ता क्या है.’’ राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने आरोप लगाया कि यह तानाशाही सरकार है और यह विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है.
जयराम रमेश ने ट्वीट की पत्र की कॉपी
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ईडी निदेशक को मेल किया गया पत्र साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ईडी को अडानी घोटाले की जांच की मांग का शिकायती पत्र सौंपने जा रहे 16 विपक्षी दलों के नेताओं और सांसदों को आज दोपहर ईडी के कार्यालय तक जाने से रोक दिया गया. यह वह पत्र है, जिसे ईडी को ईमेल किया गया है.’’
कांग्रेस के अलावा इन दलों ने किए पत्र पर हस्ताक्षर
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने अडानी समूह के खिलाफ तीन पन्नों के इस पत्र में ‘शेल’ कंपनियों और धनशोधन समेत कई आरोप लगाए गए हैं. कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, और कई अन्य दलों के नेताओं ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
मार्च पर पहले खरगे के ऑफिस में बनाई गई थी रणनीति
विपक्षी दलों के मार्च से पहले, खरगे के संसद भवन परिसर स्थित कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर अपनी संयुक्त रणनीति में समन्वय के लिए एक बैठक की थी. तृणमूल कांग्रेस विपक्षी दलों के इस मार्च का हिस्सा नहीं थी. उसके सांसदों ने घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतों में वृद्धि को लेकर संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया.
अडानी मामले पर JPC की मांग कर रहा विपक्ष
अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर विपक्षी दलों के सदस्यों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया जाए. उल्लेखनीय है कि ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने अडानी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे. अडानी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है.
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