Criminal Laws: आपराधिक कानूनों के खिलाफ कांग्रेस! खरगे बोले- 'सांसदों को सस्पेंड कर जबरन हुए पारित'
New Criminal Laws: तीन नए आपराधिक कानूनों को पिछले साल संसद से पास किया गया था. इस दौरान सदन में हंगामा करने पर विपक्ष के दर्जनों सांसदों को निलंबित भी कर दिया गया था.
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Mallikarjun Kharge on Criminal Laws: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार (1 जुलाई) को कहा कि आपराधिक कानूनों को सांसदों को सस्पेंड कर जबरन पारित किया गया. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन बुलडोजर न्याय संसदीय प्रणाली पर चलने नहीं देगा. कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला है और कहा है कि इन दिनों पीएम मोदी और बीजेपी के लोग संविधान के आदर का खूब दिखावा कर रहे हैं.
दरअसल, सोमवार से देश में तीन नए आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम- लागू हो गए हैं. इन कानूनों को पिछले साल संसद से पारित किया गया. जिस वक्त संसद के दोनों सदनों में इन कानूनों को पारित किया गया था, उस समय विपक्षी सांसदों की तरफ से काफी ज्यादा हंगामा देखने को मिला. इस पर कांग्रेस, टीएमसी समेत कई दलों के दर्जनों सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया था.
संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देंगे बुलडोजर न्याय: मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "चुनाव में राजनीतिक व नैतिक झटके के बाद मोदी जी और बीजेपी वाले संविधान का आदर करने का खूब दिखावा कर रहें हैं, पर सच तो ये है कि आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून लागू हो रहे हैं, वो 146 सांसदों को सस्पेंड कर जबरन पारित किए गए. INDIA अब ये 'बुलडोजर न्याय' संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा."
अंग्रेजों के कानून से मिली आजादी
दरअसल, भारत में अंग्रेजों के जमाने के कानून लागू थे. आजादी मिलने के सात दशक भी देश की कानून व्यवस्था अंग्रेजों के बनाए नियम-कायदों पर चल रही थी. हालांकि, पिछले साल सरकार ने फैसला किया कि जिस तरह से अंग्रेजों से देश को आजादी मिली है, वैसे ही उनके कानूनों से भी देश को स्वतंत्रता दिलवाई जाएगी. इसी कड़ी में तीन नए आपराधिक कानून लाए गए, जिन्होंने ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली.
सरकार ने कहा है कि नए कानूनों से आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी. इसमें जीरो एफआईआर, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, एसएमएस से समन भेजना जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का इस्तेमाल होगा. जघन्य अपराध वाली जगहों की वीडियोग्राफी भी अनिवार्य कर दी गई है.
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