नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील पर वित्त मंत्री अरूण जेटली के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के ऊपर झूठ फैलाने का आरोप लगाया था. राहुल ने ट्वीट करके राफेल डील को ‘राफेल रॉबरी’ बताया है. उन्होंने कहा है कि इसे सुलझाने के लिए आप जेपीसी का गठन क्यों नहीं करते?


राहुल गांधी ने क्या ट्वीट किया है?

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है, ‘’मिस्टर जेटली, देश का ध्यान वापस ग्रेट राफेल रॉबरी में लाने के लिए धन्यवाद. इसे सुलझाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के बारे में क्या ख्याल है? समस्या यह है कि आपका सर्वोच्च नेता अपने दोस्त को बचा रहा है, इसलिए ये आपके लिए असुविधाजनक हो सकता है. 24 घंटे में जांच करें और बताएं. हम इंतज़ार कर रहे हैं.’’



अरूण जेटली ने क्या कहा था?

राफेल डील पर कांग्रेस के आरोपों के बाद अरुण जेटली ने कहा था कि विपक्षी पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी फर्जी अभियान चलाकर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ कर रहे हैं. जेटली ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर राहुल से 15 सवाल किये. उन्होंने कहा कि 36 राफेल विमान खरीदने के लिए फ्रांस के साथ 10 अप्रैल, 2015 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 2007 के करार की तुलना में बेहतर शर्तों पर समझौता किया.

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उन्होंने लिखा, ‘‘मैं ये सवाल कर रहा हूं क्योंकि उनके दुस्साहस से राष्ट्रीय हित प्रभावित हो रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी तत्काल इसका जवाब देंगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राफेल विमान सौदे के बारे में कांग्रेस पार्टी के हल्के झूठ पर आधारित फर्जी अभियान से दो सरकारों के बीच हुए अनुबंध पर जोखिम के बादल छा रहे हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर जोखिम उत्पन्न हो रहे हैं.’’

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क्या है राफेल डील?

यूपीए सरकार ने 600 करोड़ रुपये में एक राफेल का सौदा किया था. अब बताया जा रहा है कि सरकार को एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपये का पड़ेगा. राफेल डील में 50 प्रतिशत ऑफसेट क्लॉज यानि प्रावधान है. यानि इस सौदे की पचास प्रतिशत कीमत को रफाल बनाने वाली कंपनी, दसॉल्ट को भारत में ही रक्षा और एयरो-स्पेस इंडस्ट्री में लगाना होगा. इसके लिए दसॉल्ट कंपनी ने भारत की रिलायंस इंडस्ट्री से करार किया है.  अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस इंडस्ट्री ने जो कंपनी बनाई है, उसके साथ मिलकर दसॉल्ट कंपनी भारत में ज्वाइंट वेंचर कर रही है. ये दोनों मिलकर भारत में नागरिक विमानों के स्पेयर पार्ट्स बनाने जा रही हैं.

हालांकि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि "36 राफेल आईजीए (इंटर गर्वमेंटल एग्रीमेंट) में ऑफसेट्स की मात्रा 50 प्रतिशत है, जिसमें योग्य उत्पादों और सेवाओं के निर्माण या रखरखाव के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में निवेश शामिल हैं.

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