नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है. अपने हमले में राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार के इस कदम से करोड़ों किसानों का जीवन खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि अब किसानों के पास बीज और खाद खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं और पीएम मोदी किसानों की दुर्भाग्य का मजाक उड़ाते हैं.
सरकार को घेरते हुए राहुल ने कहा, ''नोटबंदी ने करोड़ों किसानों के जीवन को खत्म कर दिया. अब उनके पास बीज-खाद खरीदने के लिए पैसा भी नहीं है लेकिन आज भी मोदी जी हमारे किसानों की दुर्भाग्य का मजाक उड़ाते हैं. अब उनका कृषि मंत्रालय भी कहता है, नोटबंदी से टूटी किसानों की कमर!'' हालांकि अभी भी रैलियों में खुद पीएम मोदी और उनके मंत्री इस फैसले का गुनगान करते रहते है.
क्या है नोटबंदी
दो साल पहले पीएम मोदी ने एलान किया था और कहा था कि 8 नवंबर की रात से देश में 500 और 1000 के पुराने नोट चलन से बाहर हो जाएंगे. सरकार के इस फैसले के कारण देश भर में हलचल मच गई थी. देश भर में कैश की भारी किल्लत हो गई थी.
नोटबंदी के दौरान हुई थी 115 लोगों की मौत
सरकार के इस फैसले से देश के जीडीपी में फौरी तौर पर कमी देखने को मिली थी. कई छोटे-मोटे मैन्यूफैक्चरिंग के यूनिट बंद हो गए थे. कैश के लिए लाइन में लगने के कारण करीब 115 लोगों की मौत हो गई थी. धीरे धीरे रिजर्व बैंक ने 500 और 2000 के नए नोट को बाजार में उतारे. नए नोट एटीएम मशीन में फिट नहीं हो रहे थे इस कारण और भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
सरकार ने 50 दिनों में 74 बार बदले थे नियम
आरबीआई और केंद्र सरकार ने मिलकर नोटबंदी के पहले 50 दिनों में 74 बार नोटबंदी को लेकर नोटिफिकेशन जारी किए थे जबकि कई फैसले वापस लिए गए थे. नोटबंदी के बाद सरकार ने आदेश जारी किया था कि तीस दिसंबर तक पुराने नोट बदले जाएंगे. लोगों के बीच कैश की कमी न हो इसके लिए शुरुआत में सरकार ने आदेश जारी किया कि एक व्यक्ति एक कार्ड से 2000 रुपये ही निकाल सकते हैं. जबकि चार हजार रुपये तक बदल सकते हैं. सरकार ने आदेश जारी कर पांच हजार या उससे ज्यादा के पुराने नोट जमा करने वालों के लिए पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया था. लोगों ने सरकार के इस कदम की जमकर आलोचान की थी.
जब 99 प्रतिशत पुराने नोट आ गए वापस
विपक्ष जहां सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा रही थी वहीं सरकार अपने बचाव में इस फैसले को सही ठहरा रही थी. आरबीआई के 2017-18 के वार्षिक रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि करीब 99 प्रतिशत पुराने नोट वापस आ गए हैं. आरबीआई ने बताया कि 15.31 लाख करोड़ रुपये जो कि पांच सौ (पुराने) और एक हजार के नोट थे जो कि वापस बैंकिंग सिस्टम में आ गया है. जबकि मार्केट में 15.417 लाख करोड़ रुपये का नोट चलन में था. हालांकि, नोटबंदी के वक्त अलग-अलग रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि करीब तीन से पांच लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में वापस नहीं लौटेंगे और इस तरह सरकार को भारी मुनाफा होगा.
नोटबंदी को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा
आरबीआई की इस रिपोर्ट के बाद विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए थे. कांग्रेस समेत तमाम दलों ने सरकार के उस दावे पर सवाल उठाया था जिसमें कहा गया था कि इस कदम से कालेधन पर अंकुश लगेगा. वहीं कई दलों ने यहा भी सवाल पूछा था कि नोटबंदी के दौरान कहा गया था कि इससे नक्सलियों के कमर टूटेंगे और जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी में कमी आएगी उस दावे का क्या हुआ था.
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