नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर से मुलाकात के बाद राफेल डील के लेकर बड़ा बड़ा दावा किया है. पर्रिकर से मुलाकात के बाद राहुल ने कहा है कि राफेल डील में बदलाव को लेकर पीएम मोदी ने देश के तत्कालीन रक्षा मंत्री से कुछ भी नहीं पूछा. कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर दोहराया कि पीएम इस मुद्दे पर उनसे आंख नहीं मिला पा रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा, ''मैं कल पर्रिकर जी से मिला था. पर्रिकर जी ने स्वयं कहा था कि डील बदलते समय पीएम ने हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री से नहीं पूछा था. राहुल ने आगे कहा कि राफेल पर हमने 3-4 सवाल पूछे...बड़े सवाल नहीं थे. लेकिन चौकीदार कभी यूं देखें, कभी इधर देखें, कभी उधर देखें, कभी यहां देखें पर आंख से आंख नहीं मिला पाए.''
बता दें कि अपने निजी दौरे के दौरान राहुल गांधी विशेष तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने गोवा विधानसभा गए थे. उन्होंने उनकी तबीयत का हाल जाना था और जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की भी की थी. खास बात ये है कि राफेल डील को लेकर जारी सियासी गहमागहमी के बीच राहुल गांधी की इस मुलाकात ने सबको चौंका दिया था.
राफेल विवाद है क्या?
यूपीए सरकार ने 600 करोड़ रुपये में एक राफेल का सौदा किया था. अब बताया जा रहा है कि सरकार को एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपये का पड़ेगा. राफेल डील में 50 फीसदी ऑफसेट क्लॉज का प्रावधान है. यानि इस सौदे की पचास फीसदी कीमत को राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट को भारत में ही रक्षा और एयरो-स्पेस इंडस्ट्री में लगाना होगा.
इसके लिए दसॉल्ट कंपनी ने भारत की रिलायंस इंडस्ट्री से करार किया है. अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस इंडस्ट्री ने जो कंपनी बनाई है, उसके साथ मिलकर दसॉल्ट कंपनी भारत में ज्वाइंट वेंचर कर रही है. ये दोनों मिलकर भारत में नागरिक विमानों के स्पेयर पार्ट्स बनाने जा रही हैं. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि "36 राफेल आईजीए (इंटर गर्वमेंटल एग्रीमेंट) में ऑफसेट्स की मात्रा 50 फीसदी है, जिसमें योग्य उत्पादों और सेवाओं के निर्माण या रखरखाव के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में निवेश शामिल हैं.''
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