सोनिया गांधी ने मंजूर किया दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और प्रभारी पीसी चाको का इस्तीफा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद पीसी चाको और सुभाष चोपड़ा ने इस्तीफा दे दिया. जिसे आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वीकार कर लिया.
नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के नेताओं के बीच एक दूसरे पर जिम्मेदारी का ठीकरा फोड़ा जा रहा है. एक ओर दिवंगत शीला दीक्षित के बेटे और पार्टी नेता संदीप दीक्षित ने प्रभारी पीसी चाको पर शीला दीक्षित के नाम और उनकी विरासत की अनदेखी करने का आरोप लगाया तो पीसी चाको ने पलटवार करते हुए बयान दे दिया कि दिल्ली में कांग्रेस की हालत शीला दीक्षित के ही जमाने से आम आमदी पार्टी की एंट्री के साथ ही शुरू हो गई थी.
लेकिन अब पार्टी की हार पर पार्टी नेतृत्व ने चाबुक चलाया है और राज्य के प्रभारी पीसी चाको और राज्य इकाई के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा दोनों के इस्तीफे तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिए हैं. पार्टी नेता शक्ति सिंह गोहिल को फिलहाल दिल्ली का अंतरिम प्रभारी बनाया गया है.
दिल्ली में इस बार 70 में से 67 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई. शीला दीक्षित के निधन से पहले से ही दिल्ली कांग्रेस में खेमेबाजी खुल कर नजर आती थी. पीसी चाको और अजय माकन एक खेमे के माने जाते थे और शीला दीक्षित का अपना गुट होता था.
इस बार फरवरी के पहले हफ्ते में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी कुछ क्षेत्रों में सभाओं को संबोधित किया था उसके बावजूद पार्टी का खाता तक नहीं खुल सका. एक दिन पहले ही दिल्ली कांग्रेस के तमाम नेता के बीच एक साथ कांग्रेस को दिल्ली में फिर से जमीनी स्तर पर मजबूत करने की सुनाई दे रहे थे मगर एक दिन बाद ही पार्टी आलाकमान ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
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