Sonia Gandhi Attacks On Modi Government: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने बुधवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि पिछले आठ वर्ष में सत्ता चुनिंदा राजनेताओं और व्यापारिक व्यक्तियों में हाथों में केंद्रित हो गई है. सोनिया गांधी ने कहा कि भारत का लोकतंत्र (Indian Democracy) और संस्थाएं कमजोर हो रही हैं. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि संवैधानिक मूल्यों व सिद्धांतों पर हमला किया जा रहा है और चुनावी लाभ के लिए मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने को लेकर सामाजिक सद्भाव के बंधन को जानबूझकर तोड़ा जा रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ अखबार में एक लेख में लिखा कि पहले स्वतंत्र रहीं संस्थाएं अब 'कार्यपालिका का औजार' बनकर रह गई हैं, जो पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप चुनावी चंदे और उद्योगपतियों से सांठगांठ के जरिए अर्जित धन के बल पर चुनाव परिणामों को विकृत किया जा रहा है. सरकारी एजेंसियां सरकार का विरोध करने वाले किसी भी राजनीतिक दल के पीछे लग जाती हैं.
75 साल पहले लोकतांत्रिक राष्ट्र का निर्माण हुआ शुरू
सोनिया गांधी का लेख कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली जा रही कांग्रेस की महत्वाकांक्षी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) के बीच आया है. यात्रा का उद्देश्य देश में कथित विभाजन का मुकाबला करना और पार्टी संगठन को फिर से जीवंत करना है. उन्होंने लेख में कहा कि 75 साल पहले भारतीय गणराज्य के निर्माताओं ने उदारवादी और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनने का रास्ता चुना. यह कई पड़ावों से गुजरा, लेकिन ठोस बुनियाद होने के कारण कई मुश्किलों को पार करते देश दुनिया का अग्रणी राष्ट्र बन गया.
हर नागरिक का भारत पर समान अधिकार
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह भुला दिया गया है कि आजादी मिलने के समय बहुत सारे लोगों ने अनुमान लगाया था कि भारत (India) विफल हो जाएगा, क्योंकि यह गरीब देश है और धर्म, क्षेत्र, भाषा, जाति और वंश के आधार पर बंटा हुआ है. इसने सदियों के औपनिवेषिक शोषण और हिंसक बंटवारे का सामना किया है. इसके बाद भी भारत एक संघीय, प्रगतिशील राजनीतिक व्यवस्था वाले देश के रूप में सामने आया, जहां सभी की आकांक्षाएं समाहित थीं.
सोनिया ने कहा कि राष्ट्रीय एकता को यह सुनिश्चित करते हुए हासिल किया गया कि हमारी कई संस्कृतियां और पहचान हैं, जो ताकत हैं, क्योंकि यह समझा गया कि विविधिता हमारी ताकत है. मतभेदों के बावजूद हर नागरिक का भारत पर समान अधिकार है.
कई देश अराजकता और तानाशाही के चलते हुए खंडित
उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि गुटनिरपेक्षता की नीति ने भारत को महाशक्तियों की स्पर्धा के दायरे से दूर रखा. इसने भारत को शीतयुद्ध के समय एक लोकतंत्र के रूप में फलने-फूलने का मौका दिया. उस वक्त कई देश अराजकता और तानाशाही के चलते खंडित हो गए थे. भारत वैश्विक समुदाय में एक प्रभावशाली आवाज था तथा वह उत्तरोत्तर मजबूत एवं समृद्ध होता चला गया.
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