नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जल्दी ही कांग्रेस में नाराज़ चल रहे वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं. हाल हीं में पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में स्थाई अध्यक्ष समेत संगठन के चुनाव कर बदलाव करने की मांग की थी. एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोनिया गांधी नाराज़ चल रहे नेताओं में से कुछ वरिष्ठ नेताओं से 19 तारीख को मुलाकात कर सकती हैं. गौरतलब है कि हाल हीं में पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्षा से मिलकर सलाह दी थी कि उन्हें खुद इन नेताओं से मिलकर इनकी नाराज़गी दूर करनी चाहिए, क्योंकि ये सभी कोई छोटे-मोटे नेता नहीं बल्कि वरिष्ठ नेता हैं, जिनका राजनीति में बड़ा कद है.
कौन-कौन से नेता शामिल थे?
इन 23 नेताओं में गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर जैसे कई और नेता शामिल हैं. बिहार चुनाव के नतीजों के बाद तो इनमें से कुछ नेताओं ने तेवर और सख्त कर लिए थे और गुलाम नबी आज़ाद ने तो यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस का संगठन निचले स्तर पर ख़त्म हो चुका है और पार्टी को 5 स्टार कल्चर की लत लग गई है.
असल में इन सभी नेताओं की नाराज़गी को राहुल गांधी के विरोध के तौर पर देखा जा रहा है. खास कर तब जबकि जनवरी अंत या फरवरी में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होना है. इन नेताओं के बयानों के बाद कांग्रेस का एक खेमा इन्हें ये कहकर घेर रहा था कि आज वो नेता सवाल खड़े कर रहे जो सालों से राज्यसभा में पार्टी नेतृत्व की हीं कृपा से बने हुए हैं और खुद एक चुनाव ना जीत पाएं.
आनंद शर्मा ने क्या कहा था?
इसके बाद एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लुसिव बातचीत में पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा था कि राज्यसभा का हर सदस्य भी चुन कर आता है और राज्यसभा की गरिमा को यूं ठेस पहुंचाना लोकतंत्र को कमज़ोर करना है.
आनंद शर्मा ने पलटवार करते हुए ये तक कहा था कि खुद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह भी अपने पूरे कार्यकाल में राज्यसभा के ही सदस्य थे और आज भी वो राज्यसभा के हीं सांसद हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि सोनिया गांधी इनमें से किन नेताओं से मिलती हैं और क्या इस मुलाकात से कांग्रेस की इस गहरी होती समस्या का कोई समाधान हो सकेगा.
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