Congress Presidential Election: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बीच अब पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. अक्टूबर में होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले कई नाम सामने आ रहे हैं, जिन्हें नए अध्यक्ष के तौर पर देखा जा रहा है. इन तमाम दावेदारों के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का नाम सबसे आगे चल रहा है. बताया जा रहा है कि गहलोत ही कांग्रेस के अगले अध्यक्ष हो सकते हैं. इसी बीच अशोक गहलोत आज दिल्ली पहुंच रहे हैं, जहां उनकी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात होगी.
दिल्ली में होगी चर्चा
कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव दिल्ली में होने वाला है, लेकिन सियासी हलचल राजस्थान में हो रही है. इसी सियासी हलचल को देखकर सवाल उठने लगा है कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत भी मैदान में उतरने वाले हैं? सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अशोक गहलोत 26 सितंबर को नामांकन दाखिल कर सकते हैं. कल देर रात गहलोत अपने विधायकों के साथ अहम बैठक की. बैठक के बाद अब आज दिल्ली आने का कार्यक्रम है. दिल्ली में आकर वो सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को लेकर चर्चा होगी.
राहुल गांधी को मनाने की कोशिश
हालांकि अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को लेकर अशोक गहलोत पहले इनकार कर चुके हैं. लिहाजा नाम पर सस्पेंस बरकरार है. मिली जानकारी के मुताबिक देर रात हुई विधायक दल की बैठक के दौरान गहलोत ने कहा अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी को मनाने की पूरी कोशिश की जाएगी. सवाल है कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं हुए तो कौन कांग्रेस अध्यक्ष बनेगा? कांग्रेस नेता शशि थरूर के नाम की भी चर्चा हो रही है. एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक थरूर भी सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुके हैं. हलांकि किसी के नाम की पुष्टि नहीं है. कहा जा रहा है कि अगर राहुल गांधी आखिर तक नहीं मानते हैं तो गहलोत नामांकन दाखिल करेंगे.
थरूर ने भी की थी मुलाकात
केरल के तिरुवनंतपुरम से तीन बार के सांसद शशि थरूर ने सोमवार 19 सितंबर की सुबह सोनिया गांधी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद कहा गया कि थरूर ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी और उन्हें हामी भी मिल गई. इन दावों पर पार्टी का पक्ष स्पष्ट करते हुए महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि जो भी चुनाव लड़ना चाहे वो न केवल इसके लिए स्वंतत्र है बल्कि उसका स्वागत भी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी का हमेशा से यही रुख रहा है. यह एक लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया है. चुनाव लड़ने के लिए किसी को किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है.
बता दें कि अगले महीने 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होना है, इसके बाद 19 अक्टूबर को इसके नतीजे सामने आएंगे. इस दिन साफ हो जाएगा कि कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष कौन होगा. राहुल गांधी लगातार इस पद को लेने से इनकार करते आए हैं, ऐसे में अध्यक्ष पद की रेस काफी दिलचस्प हो चुकी है.
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