नई दिल्लीः शक्तिकांत दास को आरबीआई गवर्नर नियुक्त करने के सरकार के फैसले पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि वह सरकार के इशारे पर काम करेंगे. इसके साथ ही पार्टी ने कहा कि सरकार ने एक प्रख्यात अर्थशास्त्री के बदले उस नौकरशाह को आरबीआई गवर्नर बनाया, जिसने नोटबंदी का बचाव किया था. यह कदम संस्थान को कमजोर कर देगा.

पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि 2016 की नोटबंदी के कदम के बचाव के लिए दास महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त होने वाले दूसरे व्यक्ति हैं, जो दिखाता है कि सरकार आम लोगों के प्रति असंवेदनशील है.

चिदंबरम ने ट्वीट किया, "सरकार ने ऐसे दो लोगों को दो महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया है, जिन्होंने नोटबंदी का समर्थन किया था. मोदी सरकार के बारे में क्या कहा जाए? क्या सरकार देश के लोगों को यह कह रही है कि 'आप क्या सोचते हैं, हमें इससे कोई मतलब नहीं, हम वही करेंगे, जिससे हमें खुशी मिलती है?"


शक्तिकांत दास को आरबीआई गवर्नर नियुक्त करने को लेकर बीजेपी के नेताओं ने भी सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल उठाते हुए कहा, ''दास को आरबीआई गवर्नर नियुक्त किया जाना गलत है. उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम के गलत कामों में साथ दिया था और बाद में जांच के दौरान उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की थी. वे नहीं जानते कि सरकार ने दास को आरबीआई का गवर्नर किस आधार पर बनाया है. मैंने इस फैसले के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है.''

वहीं गुजरात बीजेपी के नेता जय नारायण व्यास ने बुधवार को RBI गवर्नर की शिक्षा को लेकर ट्वीट किया, ''आरबीआई के नए गवर्नर के पास एमए (इतिहास) की डिग्री है. उम्मीद और दुआ करता हूं कि वह आरबीआई को ही इतिहास न बना दें.''

बता दें कि शक्तिकांत दास, तमिलनाडु काडर के 1980 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं और भारत के 15वें वित्त आयोग के सदस्य रह चुके हैं. सेंट स्टीफन कॉलेज से मास्टर की डिग्री ले चुके दास इससे पहले वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं.

बीजेपी नेता ने कहा- कहीं RBI को ही इतिहास न बना दें नए गवर्नर शक्तिकांत दास