नई दिल्ली: देश को रविवार को बड़ी खुशखबरी मिली. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट के वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी लेकिन इसके बाद इस पर सियासत शुरू हो गई. कांग्रेस के कई नेताओं ने इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए, जिस पर बीजेपी ने पलटवार किया और इसे कांग्रेस का दिवालियापन बता दिया.


कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर ने कहा कि कोवैक्सीन ने अभी तक अपना तीसरा ट्रायल भी पूरा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में वैक्सीन पर मुहर लग गई और ये खतरनाक हो सकता है. उन्होंने कहा कि जब तक ट्रायल पूरा नहीं हो जाता इसके इस्तेमाल से बचा जाना चाहिए. थरूर के अलावा कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भारत बायोटेक के वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने पर चिंता जताई. उन्होंने सरकार को यह बताने को कहा कि अनिवार्य प्रोटोकॉल और डेटा के सत्यापन का पालन क्यों नहीं किया गया.


इसके अलावा कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि अगर विपक्ष के नेताओं को वैक्सीन को लेकर कोई डर है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने अखिलेश यादव का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वो विपक्ष के नेताओं को कॉन्फिडेंस में ले.


कांग्रेस नेताओं के इन सवालों पर निशाना साधते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दल किसी भी भारतीय चीज पर गर्व नहीं करते. नड्डा ने ट्वीट करते हुए कहा कि उन्हें इस बात पर आत्ममंथन करना चाहिए कि भ्रम फैलाने वाले कोविड-19 के वैक्सीन पर उनके झूठ का इस्तेमाल अपना एजेंडा चलाने के लिए करेंगे. भारत के लोग ऐसी राजनीति को खारिज करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.


वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे कांग्रेस का दीवालियापन बताया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "कांग्रेस का दीवालियापन. पहले वे भारत द्वारा बालाकोट एयर स्ट्राइक का सबूत मांगते थे. फिर पुलवामा हमले पर शंका जताई, अब वैक्सीन पर भी शंका जता रहे हैं. यह दिवालियापन नहीं तो क्या है?"


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