नई दिल्ली: भारत की सेना के साथ पाक की सेना के सैन्य अभ्यास पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने करारा हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विट करते हुए सरकार पर कई सवाल दागे हैं. उन्होंने बेहद तल्ख लहज़े से भरे ट्वीट में लिखा है कि भारत 'आंतक की अम्मा' पाकिस्तान के साथ आतंक विरोधी सैन्य अभ्यास क्यों कर रहा है?


देश हित को नुकसान पहुंचाने का आरोप
सुरजेवाला ने ट्वीट में सीधे पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा, "मोदी जी! आप आतंक का शिकार हुए हज़ारों लोगों का अपमान करने पर क्यों तुले हुए हैं और पाकिस्तान को शह देकर देश हित को नुकसान क्यों पहुंचा रहे हैं?"






ISI से जांच के बाद सैन्य अभ्यास
उन्होंने साल 2016 में पठानकोट पर हुए हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि पहले आपने (सरकार ने) ISI से पठानकोट हमले की जांच करवाई और अब आतंक की अम्मा पाकिस्तान के साथ आतंक विरोधी सैन्य अभियास क्यों किया जा रहा है.


पहला भारत-पाक सैन्य अभ्यास





लाइन ऑफ कंट्रोल पर 24 घंटे एक दूसरे के खिलाफ तैनात रहने वाले भारत और पाकिस्तान के सैनिक पहली बार एक साथ युद्धाभ्यास कर रहे हैं. यह युद्धाभ्यास 'शांति मिशन 2018' के बैनर तले शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के तहत रूस में हो रहा. शुक्रवार को रूस के चेल्याबिन्स्क क्षेत्र के चेब्राकुल में शुरू हुए इस युद्धाभ्यास में भारत पाकिस्तान के अलावा चीन और रूस भी हिस्सा ले रहे हैं. 22 अगस्त को शुरू हुआ ये एक्सरसाइज़ 29 अगस्त को यानी कल समाप्त होगा.

क्यों हो रहा है साझा युद्धाभ्यास?
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा, ''इस प्रशिक्षण के दौरान सेनाओं के बीच पेशेवर बातचीत, ऑपरेशंस में आपसी समझदारी और प्रक्रिया, जॉइंट कमांड की स्थापना और कंट्रोल स्ट्रक्चर्स और आतंकी खतरों से निपटने को लेकर मॉक ड्रिल जैसे अभ्यास होंगे. इस युद्धाभ्यास से शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन में शामिल देशों को आतंकरोधी ऑपरेशन के लिए ट्रेनिंग मिलेगी.''


किस देश के कितने सैनिक हिस्सा ले रहे हैं?
शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन के इस संयुक्त युद्धाभ्यास में रूस के 1,700 सैनिक, चीन ने 700 और भारत ने 200 सैनिको को उतारा है. भारत की ओर से राजपूत रेजीमेंट और एयरफोर्स के जवानों ने हिस्सा लिया है.


शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में हुई थी. चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य हैं. इसे नाटो को काउंटर करने वाले संगठन के तौर पर देखा जाता है, सदस्य देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाता है.


कभी साथ-कभी खिलाफ
देश का राजनीतिक पक्ष और विपक्ष कब पाकिस्तान के साथ होता है और कब इसके खिलाफ, इसकी समझ को लेकर एक असमंजस जैसी स्थिति रही है. अभी हाल ही में कांग्रेस नेता सिद्धू पाकिस्तान गए थे जिसे लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर कई हमले किए. वहीं, कांग्रेस ने अपने नेता का जमकर बचाव किया.


वहीं, अब कांग्रेस सरकार चला रही बीजेपी पर ये बोलकर हमला कर रही है कि देश की सेना को पाकिस्तान की सेना के साथ ऐसा अभ्यास क्यों करने दिया जा रहा है. आपको बता दें कि साल 2016 के अंत में पीएम नरेंद्र मोदी जब अचानक से पाकिस्तान पहुंच गए थे तब भी कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला था.


भले ही हम पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार जंगे लड़ चुके हैं, लेकिन इतिहास से लेकर वर्तमान के उदाहरणों से एक बात तो साफ है कि पक्ष हो या विपक्ष किसी के पास पाकिस्तान को लेकर ऐसी नीति नहीं है जो असमंजस की स्थिति पैदा ना करे.


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