Presidential Election: तेलंगाना कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) द्वारा नई दिल्ली (New Delhi) में आयोजित सभी विपक्षी दलों की बैठक (Meeting of Opposition Parties) में शामिल नहीं होने के लिए मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) की कड़ी निंदा की है. कांग्रेस के नेता मोहम्मद अली शब्बीर ने कहा, "सभी विपक्षी दलों की बैठक को छोड़कर, केसीआर ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी टीआरएस पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की गुप्त सहयोगी थी. अब यह साबित हो गया है कि टीआरएस को बीजेपी की बी-टीम कहने में कांग्रेस गलत नहीं थी."
तेलंगाना कांग्रेस ने आरोप लगाया कि तेलंगाना रास्ट्र समिति के मुखिया केसीआर ने पहले देश भर के विभिन्न धर्मनिरपेक्ष दलों के प्रमुखों से मुलाकात कर कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) को तोड़ने की कोशिश की. शब्बीर अली ने आगे कहा, 'उनका प्रयास विफल रहा और सभी दलों ने केसीआर के तीसरे मोर्चे के विचार को खारिज कर दिया. अब सीएम केसीआर ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देशन में एक 'राष्ट्रीय पार्टी' शुरू करने की योजना बनाई.' शब्बीर अली ने आगे कहा, कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर अनुयायी हैं और अगले चुनाव में भी वो बीजेपी को चुनाव को जीतने में मदद करने का प्रयास करने की कोशिश करेंगे.
टीआरएस ने हमेशा बीजेपी की मदद कीः कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर केसीआर धर्मनिरपेक्ष दलों के बीच एकता के अपने आह्वान में ईमानदार होते, तो वह भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव की रणनीति पर चर्चा करने के लिए ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई आज की बैठक में शामिल होते. शब्बीर अली ने कहा, उन्होंने याद दिलाया कि टीआरएस पार्टी ने पिछले चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवारों रामनाथ कोविंद और वेंकैया नायडू का समर्थन किया था. उन्होंने दलित नेता और बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार को हराने के लिए आरएसएस पृष्ठभूमि के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन किया. 'इसी तरह, केसीआर ने महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी पर भाजपा नेता नायडू को प्राथमिकता दी.'
TRS ने बीजेपी के सभी कानूनों का समर्थन किया
कांग्रेस नेता ने बताया, उन्होंने याद दिलाया की TRS ने बीजेपी सरकार का समर्थन नोटबंदी, जीएसटी आदि जैसे सभी विवादास्पद फैसलों का समर्थन किया, जबकि टीआरएस सांसदों ने ट्रिपल सहित सभी विवादास्पद विधेयकों में मोदी सरकार के पक्ष में मतदान किया. तलाक बिल चूंकि बीजेपी अब धर्मनिरपेक्ष दलों के बीच एकता के कारण प्रतिक्रिया से डर रही है, इसलिए केसीआर गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाने के बहाने उन पार्टियों को विभाजित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं."
कांग्रेस अभी भी बीजेपी के बाद सबसे बड़ी पार्टी
शब्बीर अली ने कहा, 'तेलंगाना कांग्रेस ने कहा कि सीएम केसीआर को यह महसूस करना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी के बिना BJP विरोधी कोई मोर्चा नहीं हो सकता. कांग्रेस अभी भी 53 लोकसभा और 36 राज्यसभा सांसदों के साथ देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। पार्टी और उसके सहयोगी देश के पांच प्रमुख राज्यों में सत्ता में हैं और कुछ को छोड़कर, यह मुख्य विपक्ष है. शेष राज्य. इसलिए, केवल कांग्रेस पार्टी के पास राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को हराने की क्षमता और आवश्यक ताकत है.'
टीआरएस की तरह AIMIM भी बीजेपी की सहयोगी
टीआरएस (TRS) के लोकसभा में सिर्फ 9 सांसद हैं और राज्यसभा में केवल छह सदस्य हैं जो कांग्रेस (Congress) के साथ तुलनीय भी नहीं हैं. कांग्रेस नेता ने सभी विपक्षी दलों की बैठक में मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को आमंत्रित नहीं करने के लिए ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की भी प्रशंसा की. उन्होंने आरोप लगाया की TRS की तरह, एमआईएम भी बीजेपी का गुप्त सहयोगी है. शब्बीर अली ने कहा की एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी धर्मनिरपेक्ष वोटों को विभाजित करके विभिन्न राज्यों में बीजेपी की मदद कर रहे हैं.
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