Kanpur Fire Incident: कानपुर में मां-बेटी की मौत पर राहुल गांधी का BJP पर हमला, कहा- सरकार की क्रूरता का चेहरा बनी 'बुलडोजर नीति'
Kanpur: कानपुर देहात के मरौली गांव में 14 फरवरी को अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान आग लगने से 44 वर्षीय एक महिला व उसकी बेटी की मौत हो गई. इस घटना के बाद विपक्षी दल लगातार बीजेपी सरकार को घेर रहे हैं.
Rahul Gandhi Reaction on Kanpur Fire Incident: उत्तर प्रदेश के कानपुर में जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मां-बेटी की मौत की घटना पर राहुल गांधी ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि 'बुलडोजर नीति इस सरकार की क्रूरता का चेहरा बन गई है. जब सत्ता का अहंकार लोगों के जीने के अधिकार को छीन लेता है तो उसे तानाशाही कहते हैं.' उन्होंने ट्वीट किया कि कानपुर की घटना से मन व्यथित है. यह 'बुलडोजर नीति' इस सरकार की क्रूरता का चेहरा बन गई है. भारत इसे स्वीकार नहीं करता है.
जब सत्ता का घमंड लोगों के जीने का अधिकार छीन ले, उसे तानाशाही कहते हैं। कानपुर की घटना से मन विचलित है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 14, 2023
ये ‘बुलडोज़र नीति’ इस सरकार की क्रूरता का चेहरा बन गई है। भारत को ये स्वीकार नहीं।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार को घेरा
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के बुलडोजर पर अमानवीयता का चश्मा लगा है, जो इंसानियत व संवेदनशीलता के लिए खतरा बन चुका है. कानपुर की हृदयविदारक घटना की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है. हम सबको इस अमानवीयता के खिलाफ आवाज उठानी होगी. पीड़ित परिवार को न्याय मिले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.
एसडीएम समेत कई अन्य अफसर पर केस दर्ज
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि “कानपुर देहात क्षेत्र के मरौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान आग लगने से 44 वर्षीय एक महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई. मृतकों की पहचान प्रमिला दीक्षित (44) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (22) के रूप में हुई है.” वहीं पीड़ितों के परिवार ने आरोप लगाया कि “ड्राइव में लगे अधिकारियों ने घर में आग लगा दी. जब आग लगाई गई तब मां-बेटी अंदर थीं.” इन आरोपों के आधार पर एसडीएम, स्टेशन अधिकारी (एसओ) और लेखपाल सहित एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
डिप्टी सीएम ने पीड़ित परिवार से की बात
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने वीडियो कॉल के जरिए पीड़ित परिवार से बात की. उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
पुलिस का कहना, हंगामे के दौरान लगी आग
जानकारी के मुताबिक, यह घटना मरौली गांव में सोमवार दोपहर को अतिक्रमण के खिलाफ जिला प्रशासन की एक टीम की ओर से की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान हुई. परिवार के सदस्यों ने इस अभियान का विरोध किया और कथित रूप से हटाने की कार्रवाई को रोकने के लिए खुद को आग लगाने की धमकी दी. इस पर परिवार के सदस्यों और अधिकारियों के बीच हाथापाई हुई और हंगामे के दौरान आग लग गई और पूरा घर जलकर खाक हो गया.
आग लगने के वक्त घर में चार लोग मौजूद थे, जिसके कारणों का पता नहीं चल पाया है. अधिकारियों ने बताया कि घर में मौजूद चार लोगों में से दो की मौत हो गई, जबकि अन्य झुलस गए." हालांकि आग लगने का सही कारण स्पष्ट नहीं हो सका है. पीड़ित परिवार ने अधिकारियों और क्षेत्र के असामाजिक तत्वों पर जानबूझकर उनके घर में आग लगाने का आरोप लगाया है.
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