बंगाल, बिहार और अब झारखंड... झटकों की 'हैट्रिक' से हिला INDIA गठबंधन, राहुल की यात्रा भी नहीं दिला पाई 'न्याय'
Rahul Gandhi Nyay Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की न्याय यात्रा पिछले महीने मणिपुर से शुरू हुई, जो 67 दिनों का सफर तय करके मुंबई में मार्च में समाप्त होगी.
Nyay Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब न्याय यात्रा की शुरुआत की थी तो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि जब तक ये यात्रा खत्म होगी, तब तक उनकी पार्टी को एक के बाद एक झटके लग चुके हैं. दरअसल, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इंडिया गठबंधन बनाया, लेकिन चुनाव से पहले ही ये गठबंधन बिखरने लगा है. आलम ये है कि राहुल की न्याय यात्रा अभी खत्म भी नहीं हुई है और इंडिया गठबंधन को तीन राज्यों में तीन झटके लगे हैं.
इंडिया गठबंधन को सबसे पहला झटका तो पश्चिम बंगाल में लगा. एक वक्त बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के खिलाफ जोर-शोर से खड़ी होने वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन छोड़ने का फैसला किया. इसके बाद बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू एनडीए गठबंधन में ही शामिल हो गई. ताजा मामला झारखंड का है, जहां कांग्रेस की सहयोगी 'झारखंड मुक्ति मोर्चा' मुश्किलों का सामना कर रही है.
पश्चिम बंगाल में ममता का 'एकला चलो रे'
इंडिया गठबंधन में ममता बनर्जी भूमिका बहुत बड़ी थी, लेकिन जल्द ही दीदी ने इससे अलग होने का फैसला किया. इसकी मुख्य वजह ये थी कि ममता सीट बंटवारे में हो रही देरी और कांग्रेस की तरफ से मांगी जा रही सीटों की संख्या से खुश नहीं थीं. ऊपर से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की तरफ से भी लगातार ममता पर निशाना साधा जा रहा था. ममता इस बात से भी नाराज थीं कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा जब बंगाल में आई तो उन्हें शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं मिला.
कांग्रेस बंगाल की 42 सीटों में से 10 से 12 सीटें चाह रही थीं, जबकि ममता दो सीटें देने के पक्ष में थीं. इस लेकर काफी जुबानी जंग भी हुई. अधीर रंजन ने ममता को मौकापरस्त तक कह दिया. कांग्रेस की इन हरकतों से ममता इतना परेशान हुईं कि उन्होंने 24 जनवरी को ऐलान किया कि टीएमसी राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस को सीट बंटवारे का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे शुरू में ही नकार दिया. अब हम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने जा रहे हैं.'
बिहार में नीतीश की नाराजगी से बिगड़ी बात
जनवरी के आखिर में राहुल गांधी जब बिहार में न्याय यात्रा लेकर पहुंचने वाले थे, तो इस बात की चर्चा थी कि इसमें नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. हालांकि, बिहार में राहुल की एंट्री से पहले ही नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू संग पाला बदलते हुए एनडीए में शामिल हो गए. नीतीश भी ममता की तरह ही सीट बंटवारे में हो रही देरी की वजह से नाराज थे. राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि नीतीश इंडिया गठबंधन के संयोजक नहीं बनाए जाने से भी नाराज चल रहे थे.
पिछले हफ्ते नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ा और बीजेपी के साथ मिलकर एक बार फिर से सरकार बना ली. इस तरह नीतीश रिकॉर्ड नौवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. नीतीश ने ये कहते हुए सीएम पद से इस्तीफा दिया कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी इंडिया गठबंधन में उनके लिए चीजें ठीक नहीं चल रही थीं. नीतीश के जाने के बाद बिहार में इंडिया गठबंधन की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है, जिससे उबरने में काफी वक्त लगने वाला है.
झारखंड में कमजोर हुआ इंडिया गठबंधन
इंडिया गठबंधन के लिए ताजा मुसीबत झारखंड में पैदा हुई है, जहां 'झारखंड मुक्ति मोर्चा' (जेएमएम) नेता हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को गिरफ्तार किया. कांग्रेस और जेएमएम झारखंड में सहयोगी हैं और जेएमएम इंडिया गठबंधन का हिस्सा भी है. राहुल की यात्रा के झारखंड में आने से पहले ही हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी की वजह से इंडिया गठबंधन को काफी नुकसान पहुंचा है.
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से इंडिया गठबंधन की छवि को तो नुकसान पहुंचा ही है. साथ ही साथ चुनाव से पहले हुई कार्रवाई ने तैयारियों को बाधित किया है. राहुल गांधी और हेमंत सोरेन को काफी करीबी भी माना जाता है. दोनों को अक्सर मंच साझा करते हुए भी देखा गया है. यही वजह थी कि कहा जा रहा था कि सोरेन राहुल के साथ रैली में नजर आएंगे. हालांकि, ऐसा होने से पहले ही हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हो गई. इस तरह इंडिया गठबंधन को तीसरा झटका झारखंड में लगा है.
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