Bharat Jodo Yatra Effect On Arvind Kejriwal: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) भले ही खत्म हो गई हो लेकिन इसका पूरा असर आगामी चुनावों में जरूर देखने को मिलेगा. भले ही केंद्र सरकार को इससे ज्यादा फर्क न पड़े लेकिन विपक्ष की अन्य पार्टियों पर इसका असर जरूर पड़ता दिख रहा है. सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को इससे नुकसान होगा.
जनवरी 2023 में हुए इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन पोल में 5.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल भारत के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे फिट हैं. वहीं, दूसरी तरफ राहुल गांधी को इसमें 14 प्रतिशत लोगों का वोट हासिल हुआ और 53 प्रतिशत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे आगे रहे. अगर भारत जोड़ो यात्रा नहीं होती तो इन आंकड़ों में कुछ बदलाव हो सकता था.
प्ले-इट-सेफ सीएम बन गए हैं केजरीवाल
एक तरफ कांग्रेस आगे आकर तमाम मुद्दों के खिलाफ लड़ रही तो वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रमुख केजरीवाल आक्रामक स्ट्रीट-फाइटर से एक प्ले-इट-सेफ सीएम बन गए हैं. अब वह बमुश्किल किसी भी मुद्दे को लेकर अपनी आवाज उठाते हैं. उन्हें लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. वह खुद को एक अहम विपक्ष के रूप में खड़ा कर सकते थे लेकिन नहीं कर पाए.
केवल वादे कर रहे सीएम केजरीवाल?
अगर आम आदमी पार्टी को पंजाब और दिल्ली में भारी सफलता मिली, तो वह गोवा में कुछ हासिल नहीं कर पाई और गुजरात में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा. आप ने गुजरात की 182 सीटों में से सिर्फ पांच सीटें जीतीं थी. अरविंद केजरीवाल ने "दिल्ली मॉडल" की बात की है, फ्री बिजली, पानी की बात की, उनके समर्थकों ने इस बात को दूर-दूर तक फैलाया है, खासकर सोशल मीडिया के माध्यम से लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह लोकसभा चुनाव में चुनावी सफलता में तब्दील हो सकता है.
कांग्रेस की चालों पर पैनी नजर रखने की जरूरत
भारत जोड़ो यात्रा की सफलता अगर कुछ राज्यों में कांग्रेस के वोट शेयर को मजबूत करने में कारगर साबित होती है, तो बड़े विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है. लगभग सभी बड़े राज्यों में कम वोट शेयर के साथ, केजरीवाल के लिए क्षेत्रीय दलों को उनसे हाथ मिलाने के लिए राजी करना लगभग असंभव होगा. आगामी चुनावों में भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को अगर संजीवनी मिली तो आप के लिए दरवाजे पूरी तरह से बंद कर सकती है. इसलिए केजरीवाल को यात्रा के बाद कांग्रेस की चालों पर पैनी नजर रखनी होगी.
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