Bharat Jodo Yatra: आज हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करेगी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, ये है पूरा प्लान
यात्रा इंदौरा के पास मानसेर टोल प्लाजा के रास्ते हिमाचल प्रदेश में दाखिल होगी. यहां से यात्रा राज्य में करीब 24 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. यात्रा में सीएम, उपमुख्यमंत्री और सभी 40 विधायक शामिल होंगे.
Bharat Jodo Yatra in Himachal Pradesh: राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' आज (18 जनवरी) हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करेगी. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को इंदौरा के पास मानसेर टोल प्लाजा पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया, जहां से यात्रा राज्य में प्रवेश करेगी. एक आधिकारिक बयान में इस बात की जानकारी भी दी गई है.
इस दौरान सुक्खू ने अधिकारियों को पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया ताकि यात्रा के दौरान आम जनता को कम से कम असुविधा हो. हिमाचल प्रदेश में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 24 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
मलोट में करेंगे जनसभा को संबोधित
कार्यक्रम के मुताबिक, यात्रा के दौरान राहुल गांधी लोगों से रूबरू होंगे और मलोट गांव में जनसभा को भी संबोधित करेंगे. मुख्यमंत्री सुक्खू, उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों, पदाधिकारियों और अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित कांग्रेस के सभी 40 विधायक यात्रा में शामिल होंगे.
बीजेपी ने पूछे राहुल गांधी से कई सवाल
वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के केंद्र-शासित प्रदेश में दाखिल होने से पहले वहां उनकी पार्टी की ओर से की गई ‘गंभीर गलतियों’ पर जवाब देने को कहा.
गुपकर गठबंधन का सपोर्ट
जम्मू-कश्मीर बीजेपी ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को ‘गुपकर गठबंधन’ का समर्थन ‘स्पष्ट रूप से दर्शाता है’ कि यह ‘भारत तोड़ो यात्रा’ है. जम्मू-कश्मीर के लिए बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा, “राहुल गांधी को जम्मू-कश्मीर में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का नेतृत्व करने से पहले केंद्र-शासित प्रदेश के संबंध में कांग्रेस की ओर से की गई गंभीर गलतियों पर जवाब देना चाहिए.”
जम्मू-कश्मीर मामले पर घेरा
उन्होंने दावा किया, “जून-जुलाई 1947 में जब जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन महाराजा भारत में विलय के इच्छुक थे, तब जवाहरलाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को बड़ी भूमिका देने के लिए इस ऐतिहासिक कदम का विरोध किया और जानबूझकर महाराजा को दरकिनार करने की कोशिश की.” सेठी ने कहा कि उस समय एक “अच्छा निर्णय” जम्मू-कश्मीर में बेशुमार कीमती जानों के नुकसान को रोक सकता था. उन्होंने इस मुद्दे पर राहुल गांधी से जवाब देने को कहा.
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