Rahul Gandhi in Aligarh: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार (5 जुलाई) को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में पहुंचकर हाथरस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात की. वह सुबह ही दिल्ली से अलीगढ़ और हाथरस के लिए रवाना हो गए थे. करीब 7.30 बजे राहुल गांधी अलीगढ़ के पिलखना गांव पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ितों के परिवार से मिलकर उनका दुख जाना. हाथरस में मंगलवार (2 जुलाई) को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए. 


अलीगढ़ से सटे हाथरस जिले के फुलरई गांव में धार्मिक उपदेशक सूरज पाल का सत्संग था, जिसमें हिस्सा लेने के लिए हजारों की भीड़ पहुंची हुई थी. इस दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें कुचले जाने से लोगों को जान गंवानी पड़ी. इस हादसे में मारे गए ज्यादातर लोगों में महिलाएं शामिल हैं. सूरज पाल को मानने वाले उनके अनुयायी नारायण साकार हरि और भोले बाबा के तौर पर जानते हैं. हादसे के बाद से ही बाबा की तलाश जारी है. फिलहाल पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 


राहुल गांधी ने की हाथरस पीड़ितों से मुलाकात 


राहुल गांधी का अलीगढ़ में पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें राहुल को परिजनों से बैठकर बात करते हुए और उनकी तकलीफों को सुनते देखा जा सकता है. राहुल जहां बैठे हैं, उनके आस-पास लोगों की भीड़ खड़ी है, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी नजर आ रहे हैं. कांग्रेस नेता ध्यान से सभी की बातों को सुन रहे हैं और उनके सवालों का जवाब दे रहे हैं. राहुल ने यहां पर आधे घंटे से ज्यादा का समय बिताया और सभी को सुना.






अलीगढ़ में किसके घर पहुंचे थे राहुल गांधी?


कांग्रेस नेता राहुल अलीगढ़ में काजल के घर पहुंचे थे, जिनकी मां और भाई की हाथरस हादसे में मौत हो गई है. काजल का रो-रोककर बुरा हाल हो चुका है. काजल का कहना है कि उन्हें ये नहीं समझ आ रहा है कि वह अब कैसे रहेंगी. उन्होंने मांग की कि आयोजकों पर कार्रवाई होनी चाहिए. पीड़ित परिवारों ने कहा है कि राहुल गांधी ने उनसे कहा कि वह सहायता करेंगे. राहुल को पीड़ितों को ढंढास भी बांधते हुए देखा गया है.


मां की लाश बर्फ पर लेटी मिली, पीड़ित ने राहुल से बताया


राहुल ने भगदड़ की शिकार हुईं प्रेमवती देवी के परिवार से भी मुलाकात की है. प्रेमवती के चार बेटे हैं, जिनसे राहुल मिले और उनका दुख जाना. प्रेमवती के बेटे बिजेंद्र ने  बताया कि मां पिछले 9 साल से सत्संग में जाती रही हैं. इस बार भगदड़ में उनकी जान चली गई. मां के साथ गांव के कुछ लोग भी गए थे. हमारे यहां से एक ऑटो गया था. उसी ऑटो में मां गई थीं. हमें बताया गया था कि ऑटो का एक्सिडेंट हो गया है.


बिजेंद्र ने आगे कहा कि हमें शुरुआत ये नहीं बताया गया कि वहां भगदड़ मची है. भैया जब वहां पहुंचे तब पता चला कि क्या हुआ है. भावुक होते हुए प्रेमवती के बेटे ने बताया कि हमने मां को बहुत ढूंढा, लेकिन वो नहीं मिलीं. बाद में वो बर्फ पर लेटी हुई मिलीं. वह बहुत बुरी हालत में मिलीं. शासन और बाबा (सूरज पाल) की सबकी कमी है. वहां सुरक्षा के लिए पुलिसवाले भी और ज्यादा होने चाहिए थे.


3.5 लाख लोगों की जुटी थी भीड़, कम थे पुलिसकर्मी


प्रेमवती के दूसरे बेटे अरविंद ने राहुल को बताया कि सबसे ज्यादा गलती कमेटी वालों की है. बाबा की गलती है. 80 हजार की जगह वहां 3.5 लाख वहां लोग जुट गए. वहां 20-25 पुलिसवाले थे, जबकि कम से कम 200-250 पुलिसकर्मी होने चाहिए थे. वहां और भी रास्ते खुले होते तो शायद ये हादसा नहीं होता. घटनास्थल पर एक ही मेन रास्ता था, इसलिए भगदड़ में सब दब गए. मैंने पांच साल पहले सत्संग में जाना शुरू किया था. मां के साथ दो तीन साल गए, लेकिन हमें बाबा में कुछ नजर नहीं आया. मैंने वहां जाना बंद कर दिया था. मां को भी कहते थे, लेकिन वो मानती नहीं थीं.


बाबा ने अपील की होती तो नहीं मचती भगदड़: अरविंद


अरविंद ने आगे कांग्रेस नेता को बताया कि मां को बाबा में श्रद्धा थी. अब हम चाहते हैं कि बाबा और कमेटी वालों पर कार्रवाई हो. रोते हुए अरविंद ने कहा कि जब बाबा के सामने भगदड़ मची तो उन्हें अपील करनी चाहिए थी कि लोग हड़बड़ाहट नहीं दिखाएं. बाबा ने अगर रोका होता तो पब्लिक रुक जाती. बाबा ने अपील की होती तो भगदड़ नहीं मचती. सैकड़ों लोगों की जान बच जाती. 


उन्होंने आगे कहा कि हादसे में ही वो निकल गए. उन्होंने मुड़कर भी नहीं देखा. एफआईआर में भी बाबा का नाम हो. प्रेमवती के तीसरे बेटे ने कहा कि बाबा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. बाबा में शक्ति होती तो मेरी मां को जिंदा कर देते. वह तो देखने भी नहीं आए. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि आपकी मांग संसद में उठाई जाएगी.


हाथरस में भगदड़ मचने पर बाबा निकल गए, घायल महिला के रिश्तेदार


उषा देवी भी सत्संग में गई थीं. फिलहाल वह घायल हैं और बात नहीं कर पा रही हैं. राहुल गांधी ने इनके रिश्तेदारों से भी मुलाकात की. उन्होंने कांग्रेस नेता को बताया कि शाम को जब हम घटनास्थल पर पहुंचे तो इन्हें उठाकर ले आए. इनको अस्पताल में हमने भर्ती करवाया. सत्संग में कई महिलाएं गई थीं. उषा देवी की बहू पूजा भी गई थीं. जब भगदड़ मची तब बाबा निकल गए थे. 


रिश्तेदारों ने बताया कि बाबा को सुनना अच्छा लगता है. किसी ने ये घटना करवाई है. बाहर के लोग आए हुए थे. बाबा की गलती हम नहीं मानते. बाबा की एक गलती है कि उन्होंने लौटकर वापस पब्लिक को नहीं देखा. बाबा के चमत्कार में विश्वास है. मेरे साथ भी चमत्कार हुए हैं. लोगों को बाहर निकलने की जगह नहीं मिली. अब सत्संग हुआ भी तो नहीं जाएंगे.






कांग्रेस नेता ने परिजनों को दिया मदद का आश्वासन


राहुल से मुलाकात के बाद पीड़ितों के परिवार में से एक महिला ने कहा, "उन्होंने हमसे कहा है कि वह पार्टी के माध्यम से हमारी मदद करेंगे. उन्होंने हमसे पूछा कि ये सब कैसे हुआ. हमने उन्हें बताया है कि किस तरह से लापरवाहियां बरती गई हैं." कांग्रेस नेता पीड़ित परिवारों के परिजनों से मुलाकात के बाद वहां से रवाना हो गए. उन्हें इस दौरान गांव की पतली गलियों से सुरक्षाकर्मियों के घेरे के बीच निकलते हुए देखा गया. उन्होंने हाथ जोड़कर वहां खड़े लोगों का अभिवादन भी स्वीकार किया. राहुल अलीगढ़ के बाद हाथरस पहुंचे और उन्होंने वहां पर भी पीड़ितों से मुलाकात की.


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