कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के बाद कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने अपने भाषण में जवाहर लाल नेहरू के कैबिनेट मंत्रियों के नाम लिए, लेकिन भारत के पहले प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी का नाम नहीं लिया. राष्ट्रपति कोविंद को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह अब बीजेपी के सदस्य नहीं हैं.
कोविंद ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद का भी जिक्र किया. अपने भाषण के शुरुआत में ही कोविंद ने अपने पूर्ववर्तियों को याद करते हुए कहा, "मुझे इस बात का पूरा एहसास है कि मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और मेरे पूर्ववर्ती प्रणब मुखर्जी, जिन्हें हम स्नेह से प्रणब दा कहते हैं, जैसी विभूतियों के पदचिह्निों पर चलने जा रहा हूं."
अगले ही वाक्य में राष्ट्रपति कोविंद ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के योगदान का जिक्र किया. कोविंद ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू या किसी अन्य कांग्रेस नेता का जिक्र किए बगैर कहा, "बाद में सरदार पटेल ने हमारे देश का एकीकरण किया. हमारे संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने हम सभी में मानवीय गरिमा और गणतांत्रिक मूल्यों का संचार किया."
कोविंद ने दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, "ये हमारे मानवीय मूल्यों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. ये हमारे सपनों का भारत होगा. ऐसा ही भारत 21वीं सदी का भारत होगा."