Narayan Rathawa News: लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में कांग्रेस को तब बड़ा झटका लगा जब पार्टी के राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राठवा ने कांग्रेस से नाता तोड़कर BJP की सदस्यता ले ली. वह बेटे और कई समर्थकों के साथ मंगलवार (27 फरवरी) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए.


गुजरात के छोटा उदयपुर से जनजातीय नेता राठवा का राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्यकाल इस साल अप्रैल में समाप्त हो जाएगा. वह पांच बार लोकसभा सदस्य चुने जा चुके हैं. वह पहली बार 1989 में, इसके बाद 1991, 1996, 1998 और 2004 में लोकसभा सदस्य बने.


क्या है राजनीतिक समीकरण? 


नारायण राठवा के बेटे संग्राम सिंह ने 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति (एसटी)-आरक्षित छोटा उदयपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था लेकिन वह जीत नहीं पाए थे. वह एक कार्यक्रम में पिता और बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए.


नारायण राठवा 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में रेल राज्य मंत्री थे और 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार राम सिंह राठवा से हार गए थे. बीजेपी की गुजरात इकाई के प्रमुख सी आर पाटिल ने यहां पार्टी के राज्य मुख्यालय ‘कमलम’ में राठवा और अन्य को भगवा अंगवस्त्रम और टोपी भेंट कर उन्हें पार्टी में शामिल किया.


लोक सभा चुनाव में होगा फायदा


दरअसल, लोक सभा चुनाव 2024 के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में संगठन के स्तर पर खुद को और मजबूत बना रही है. गुजरात का छोटा उदयपुर का क्षेत्र अनुसूचित जनजातियों की बहुलता वाला इलाका है जहां नारायण कांग्रेस के बड़े चेहरे के तौर पर जाने जाते रहे थे. लोकसभा चुनाव से ऐन पहले उनके BJP में शामिल हो जाने के बाद निश्चित तौर पर पार्टी को इसका लाभ मिल सकता है. बहरहाल कांग्रेस ने नारायण के BJP में शामिल होने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.


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