(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र में भाजपा को 148 में 132 सीट कैसे मिल गई? कांग्रेस ने चुनाव नतीजों पर उठाए सवाल
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस ने महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत पर सवाल उठाया है वहीं, झारखंड को लेकर कहा कि वहां ध्रुवीकरण की राजनीति हारी है.
Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार (23 नवंबर, 2024) को सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन ने शानदार जीत दर्ज की है, जबकि झारखंड में INDIA गठबंधन की जीत हुई है. हालांकि, चुनाव नतीजों पर कांग्रेस पार्टी ने गंभीर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने कहा है कि "लेवल प्लेइंग फील्ड" (समान अवसर) की स्थिति को बिगाड़ा गया, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर संदेह पैदा होता है.
कांग्रेस ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र के लोगों ने भाजपा को हराया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगियों को भारी जीत कैसे मिली, यह जांच का विषय है. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान ऐसा माहौल बनाया गया, जिससे एक निष्पक्ष और संतुलित मुकाबला संभव नहीं हो पाया. कांग्रेस ने कहा है कि वह इस चुनावी परिणाम का गहराई से विश्लेषण करेगी. पार्टी ने चुनाव में इस्तेमाल की गई रणनीतियों और संसाधनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह यह समझने की कोशिश करेगी कि भाजपा को 148 में से 132 सीटों पर जीत कैसे मिली.
'विधानसभा में इतनी बड़ी जीत कैसे संभव'
कांग्रेस ने महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों की तुलना विधानसभा नतीजों से करते हुए कहा कि वहां भाजपा को हराने के बाद, इतनी बड़ी जीत विधानसभा में कैसे संभव हुई. यह विरोधाभास पार्टी के लिए चिंता का विषय है. ये अजीबोगरीब रिजल्ट है.
ध्रुवीकरण वाली राजनीति की हुई हार
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि झारखंड में ध्रुवीकरण की राजनीति हारी है. वहां RSS और भाजपा ने आदिवासी इलाकों को प्रयोगशाला बनाने की कोशिश की. हिमंत बिस्वा सरमा को वहां पोस्टर बॉय बनाया गया. खेड़ा ने कहा कि पोस्टर बॉय ने झारखंड में कोई कसर नहीं छोड़ी. इसलिए वहां की जनता ने भाजपा को पूरी तरह से नकार दिया और काम करने वाली सरकार को फिर से अच्छे बहुमत से जिताया.
कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के साथ चुनावी प्रक्रिया और भाजपा के चुनाव अभियान के तरीकों की समीक्षा करेगी. इसका उद्देश्य यह समझना है कि पार्टी और गठबंधन कहां कमजोर पड़े और उन सीटों पर भाजपा ने अपनी स्थिति कैसे मजबूत की.