अहमदाबाद: रविवार 19 नवंबर की शाम को हुई कांग्रेस और पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के बीच बैठक में जहां यह स्पष्ट हो गया था कि दोनों के बीच आरक्षण को लेकर आपसी सहमति बन चुकी है वहीँ इस पूरी कहानी में अब नया मोड़ आ गया है.


बैठक से बाहर निकल कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि जिन मुद्दों पर बात अटकी हुई थी उस पर सहमति बन चुकी है. आरक्षण को लेकर फॉर्मूला बताया गया है उसको लेकर भी 'पास' सहमत हो गयी. हालांकि यह फॉर्मूला क्या है उस पर खुलासा नहीं हुआ है.



इस बीच इस पूरी कहानी में ट्विस्ट तब आया जब कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट ज़ारी हुई. कांग्रेस की इस लिस्ट में २ पास के नेताओं को टिकट दी गयी. उसी वक़्त पास कन्वीनर दिनेश बांभणिया ने मीडिया के सामने आकर कांग्रेस के खिलाफ बयान दिया और कहा कि पास से आपसी बातचीत के बिना इन नेताओं को टिकट दिए गए.


इसी पर जवाब मांगने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भरत सोलंकी के घर पहुंचे दिनेश ने गुस्से में अपशब्द बोलना शुरू किया जिसे देखते हुए पुलिस ने उन्हें वहाँ से हटाया. दिनेश ने काफी देर भर सिंह के घर के बाहर इंतजार भी किया लेकिन सोलंकी नहीं आए. कांग्रेस के नेता हिम्मत सिंह पटेल ने मीडिया के समक्ष आकर कहा कि मसले को जल्द सुलझाया जाएगा.


सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि दरअसल आरक्षण पर कांग्रेस के फॉर्मूले पर सहमति काफी पहले बन चुकी थी, लेकिन असली मुद्दा सीटों को लेकर था, जिस पर पेंच अटका हुआ था. ‘पास’ ने अपने नेताओं के लिए 25 सीटों की मांग की थी, लेकिन 11 सीटों पर सहमति बनी.


पहली लिस्ट में केवल २ नाम सामने आने के बाद गुस्सा कांग्रेस के प्रति तेज़ हो गया है. ऐसे में पास का झुकाव जो कि पहले से ही कांग्रेस की ओर देखा जा रहा था, अब वहीं पास कांग्रेस के विरोध में आती दिख रही है. अब सवाल है कि अगर मुद्दा अगर आरक्षण का ही था तो सीट को लेकर ये बवाल क्यों?


इस बीच कांग्रेस दफ्तर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. राज्य भर में कांग्रेस के खिलाफ विरोध होता नज़र आ रहा है. ऐसे में सत्ता से २२ साल से दूर रही कांग्रेस अब इसे सुलझाने में कामयाब होती है या नहीं! देखना दिलचस्प होगा.