नयी दिल्ली : गोवा विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद राज्य में सरकार नहीं बना पाने के कुछ हफ्तों बाद आज कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से गोवा के प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारी वापस ले ली. जबकि संगठन में कुछ अन्य बदलाव भी किये गये हैं.


पार्टी सूत्रों के अनुसार दिग्विजय सिंह से न केवल गोवा बल्कि कर्नाटक के प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारी भी वापस ले ली गयी है. पार्टी में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद संगठन स्तर पर बदलाव की प्रक्रिया को लेकर कई दिन से अटकलों का बाजार गर्म था.

पार्टी के भीतर फेरबदल की शुरूआत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एआईसीसी सचिव ए चेला कुमार को पार्टी ने गोवा का प्रभार सौंपा.

पार्टी ने के सी वेणुगोपाल को कर्नाटक का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया है. कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले है तथा पार्टी राज्य में फिर से सत्ता हासिल करने की तैयारियों में जुटी है.

कर्नाटक में एम टैगोर, पी सी विश्वनाथ, मधु यक्षी गौड़ा और डा. एस सज्जीनाथ को भी राज्य में पार्टी प्रभारी सचिव की जिम्मेदारी दी गई है. अमित देशमुख को गोवा का प्रभारी सचिव बनाया गया है.

इसके अलावा पार्टी ने केन्द्रीय चुनाव प्राधिकार का गठन कर मुल्लापल्ली रामचन्द्रन को इसका अध्यक्ष बनाया है. भुवनेश्वर कालिता और मधुसूदन मिस्त्री को इस प्राधिकार का सदस्य बनाया गया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि इस केन्द्रीय चुनाव प्राधिकार की सलाहकार समिति में सांसद शमशेर सिंह ढुल्लों, बीरेन सिंह एंगती और पूर्व सांसद अश्क अली टाक को सदस्य बनाया गया है.

मिस्त्री इस प्राधिकार का सदस्य बनने के बाद संगठन के किसी अन्य पद पर नहीं रहेंगे. वर्तमान में मिस्त्री पार्टी महासचिव हैं.

उल्लेखनीय है कि गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस सरकार बनाने का दावा समय पर नहीं कर पायी और इस मामले में भाजपा अपना दावा पेश कर सरकार बनाने में कामयाब रही थी.