Bharat Jodo Yatra: 'केरल में 18 दिन और यूपी में 2 दिन...', CPM के इस बयान पर अब कांग्रेस का तीखा पलटवार
Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों केरल से गुजर रही है, जहां सीपीएम सत्ता में है और कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल है. इसे लेकर सीपीएम ने बयान जारी किया था.
Congress On CPM: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पर बीजेपी (BJP) तो हमले बोल ही रही है अब सीपीएम (CPM) ने भी इस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. केरल से होकर गुजर रही राहुल गांधी की पद यात्रा पर तंज कसते हुए सीपीएम ने सवाल उठाया है कि अगर राहुल गांधी को बीजेपी-आरएसएस से लड़ना है तो केरल में इतनी लंबी यात्रा का क्या मतलब है? हालांकि, कांग्रेस ने भी इसे लेकर पलटवार कर दिया है.
सीपीएम ने राहुल गांधी का एक कार्टून ट्वीट किया है, जिस पर लिखा है, "भारत जोड़ो या सीट जोड़ो? केरल में 18 दिन, यूपी में 2 दिन, बीजेपी-आरएसएस से लड़ने का अजीब तरीका." तस्वीर में केरल के नक्शे को लाल रंग में और यूपी के नक्शे को भगवा रंग में दिखाया गया है. इसके जवाब में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सीपीएम की आलोचना को मूर्खतापूर्ण बताया है.
— CPI (M) (@cpimspeak) September 12, 2022
जयराम रमेश ने नसीहत देते हुए कहा कि सीपीएम को होमवर्क करना चाहिए कि यात्रा की योजना किस तरह बनाई गई. जयराम ने केरल में सीपीएम को बीजेपी की A टीम और इशारों में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को "मुंडू मोदी" तक बता दिया. केरल में धोती जैसे परिधान को मुंडू कहते हैं. कई राजनीतिक समीक्षक सीएम विजयन की स्टाइल की तुलना पीएम मोदी से करते हुए उन्हें मुंडू पहना हुआ मोदी कहते हैं.
केरल से गुजर रही है भारत जोड़ो यात्रा
दरअसल, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों केरल से गुजर रही है, जहां सीपीएम सत्ता में और कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल है. राहुल अपनी भारत जोड़ो यात्रा में केवल देश के मुद्दों को उठाते हुए मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इसके बावजूद सीपीएम ने राहुल गांधी की यात्रा पर निशाना साधकर जाहिर कर दिया कि जिस विपक्षी एकजुटता की बात होती है वो व्यवहारिक रूप से कितना कठिन है.
गठबंधन में चुनाव लड़ चुके हैं कांग्रेस-सीपीएम
एक दिन पहले ही राहुल गांधी की पदयात्रा यात्रा में रात्रि पड़ाव के लिए निर्धारित जगह की इजाजत प्रशासन ने रद्द कर दी थी. हालांकि, कांग्रेस ने चुपचाप जगह में बदलाव कर लिया और विवाद से बचने के लिए इसे मुद्दा बनाने से परहेज किया था, लेकिन इस बार कांग्रेस ने सीपीएम के बयान का कड़ा जवाब दिया है. विडंबना यह है कि सीपीएम और कांग्रेस बंगाल में पिछले दो विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ चुके हैं.
बता दें कि, बीते साल हुए केरल विधानसभा चुनाव में सीपीएम के नेतृत्व में वाम गठबंधन एलडीएफ ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की. वहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में यहां की 20 सीटों में से कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को 18 सीटें मिली थीं. राहुल गांधी खुद भी केरल के वायनाड से ही सांसद हैं. भारत जोड़ो यात्रा के बहाने सीपीएम का कांग्रेस पर हमला केरल में लोकसभा की 20 सीटों को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
विपक्षी एकजुटता पर उठे सवाल
केरल में बीजेपी बड़ी राजनीतिक ताकत नहीं है, लेकिन कांग्रेस और सीपीएम की बयानाबजी से सवाल तो उठता ही है कि मोदी के मुकाबले के लिए की जा रही विपक्षी एकजुटता की बड़ी-बड़ी बातें क्या केवल बातें ही रह जाएंगी? बिहार में बीजेपी (BJP) को छोड़ कर आरजेडी से हाथ मिलाने के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने दिल्ली आकर कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी. तब नए सिरे से विपक्षी गोलबंदी की बातें हुई थी, लेकिन आए दिन किसी ना किसी वजह से इस गोलबंदी की कमजोरी सामने आ जाती है.
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