नई दिल्ली: मज़दूर दिवस पर कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने मज़दूर वर्ग सेअपना हाथ खींच लिया है. उन्होंने कहा कि प्रवासी मज़दूरों से सम्बंधित 29 अप्रैल को केंद्र सरकार के द्वारा जारी दस्तावेज से शुरुआत करें, जो कल शाम को आया है. यह अजीबो गरीब दस्तावेज है. उसमें लिखा है कि ट्रांसपोर्ट को अनुमति दी गई है. यह आदेश नहीं, अनुमति है कि प्रवासी श्रमिक वापस जा सकते हैं. इसमें दूसरा आदेश है कि जाएं तो सिर्फ बस से जाएं. तीसरा आदेश है कि भेजने वाला प्रदेश और रिसीव करने वाला प्रदेश तथ्यों का आदान-प्रदान करें, नोडल ऑफिसर रखें, बातचीत करें, विचार- विमर्श करें.


इतना ही नहीं सिंघवी ने आगे कहा, " गृहमंत्रालय का यह फरमान कैसा मजाक है, इसमें कैसी परिभाषा है, जो इस सरकार की अप्रोच को दर्शाती है, पहला मुद्दा यह है कि कल जो दस्तावेज आया है, वह लगभग 45 दिन बाद आया है. 45 दिन बाद हम आशा करेंगे कि खोदा पहाड़, तो कम से कम कुछ तो निकले. परंतु इस दस्तावेज के अंदर से यहां तो कोई चूहिया भी नहीं निकली है.


उन्होंने आगे कहा कि दूसरा, इस दस्तावेज में केन्द्रसरकार की तरफ से बेचारा प्रवासी श्रमिकों के लिए क्या कर रही है, इसके बारे में उसमें एक लाइन, एक शब्द नहीं है. प्रदेश, जोअभी से आर्थिक रुप से चकनाचूर हो गया, वहीं सब कुछ करे. उसको छोड़िए, लेकिन केन्द्र सरकार क्या करेगी. इसलिए मैं तुगलकीफरमान कह रहा हूं, क्योंकि केन्द्र सरकार की तरफ से क्या करुंगा, तो कुछ नहीं अर्थात जीरो. इससे पहले गृह मंत्रालय ने 29 अप्रैल को आदेश जारी कर मज़दूरों को घर भेजने की बात कही थी.



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