सीतापुर: लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ितों से मिलने जाते वक्त रास्ते में चार अक्टूबर सुबह पांच बजे सीतापुर में हिरासत में ली गई प्रियंका गांधी वाड्रा अब भी पुलिस हिरासत में हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रियंका गांधी वाड्रा, अजय कुमार लल्लू समेत कांग्रेस के 11 नेताओं के खिलाफ शांति भंग करने की आशंका के चलते मामला दर्ज किया है.  सीतापुर में प्रियंका को हिरासत में रखने जाने को लेकर विपक्षी नेता बीजेपी और यूपी सरकार की लगातार आलोचना कर रहे हैं. अब कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने भी प्रियंका गांधी की हिरासत पर सवाल उठाए हैं.


सलमान खुर्शीद ने कहा, "प्रियंका गांधी पर लगाए गए आरोप जमानती हैं. आप हिरासत में नहीं ले सकते, यह कानून का उल्लंघन है. वे सिर्फ 2 लोग थे, अगर 4 से ज्यादा होते, तो पुलिस रोक सकती थी. उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं करना, सिस्टम पर संदेह पैदा करता है."


सीतापुर के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) प्यारे लाल मौर्य ने यहां बताया कि कांग्रेस नेता प्रियंका समेत 11 नेताओं के खिलाफ चार अक्टूबर को सीआरपीसी की धाराओं 144, 151, 107 और 116 के तहत मामला दर्ज किया गया है. एसडीएम ने कहा, 'यदि हमें आश्वासन मिलता है कि उनके द्वारा शांति उल्लंघन नहीं होगा, तो इन धाराओं को हटा दिया जाएगा.' प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा और लल्लू के अलावा संदीप, राज कुमार, दीपक सिंह, नरेंद्र शेखावत, योगेंद्र, हरिकंत, धीरज गुर्जर और अमित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.


"मुझे अवैध रूप से बंधक बनाया है, वकील से मिलने की अनुमति नहीं"
वहीं प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि उन्हें अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा गया है और उन्हें अपने वकीलों से मिलने नहीं दिया जा रहा है. अपनी गिरफ्तारी के बारे में बताते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, "मुझे गिरफ्तार करने वाले अधिकारी डीसीपी पीयूष कुमार सिंह, सीओ सिटी, सीतापुर द्वारा मौखिक रूप से सूचित किया गया है कि मुझे 4 अक्टूबर 2021 को सुबह 4.30 बजे धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है. जिस समय मुझे गिरफ्तार किया गया था, उस समय मैं लखीमपुर खीरी की सीमा से लगभग 20 किमी दूर सीतापुर जिले में यात्रा कर रही थी, जो धारा 144 के तहत था, लेकिन मेरी जानकारी में सीतापुर में धारा 144 नहीं लगाई गई थी."


उन्होंने कहा कि वह चार अन्य व्यक्तियों, दो स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं और दीपेंद्र हुड्डा और संदीप सिंह के साथ एक ही गाड़ी में यात्रा कर रहीं थीं. प्रियंका ने कहा कि वहां न कोई सुरक्षा गाड़ी थी और न ही कोई अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता था. मजिस्ट्रेट या किसी अन्य न्यायिक अधिकारी के सामने पेश नहीं किया गया है. न ही अपने कानूनी वकील से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है.


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