'मणिपुर पर प्राथमिकता से हो विचार...', पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा पर बोले भागवत, कांग्रेस ने PM मोदी को घेरा
Congress On Mohan Bhagwat Comment: कांग्रेस ने RSS प्रमुख मोहन भागवत की मणिपुर में शांति बहाली नहीं होने पर चिंता व्यक्त किए जाने संबंधी टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया.
कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की मणिपुर में शांति बहाली नहीं होने पर चिंता व्यक्त किए जाने संबंधी टिप्पणी को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया और कहा कि शायद भागवत ही 'आरएसएस के पूर्व पदाधिकारी' को मणिपुर का दौरा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.
पिछले साल मई में मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी. तब से अब तक करीब 200 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि बड़े पैमाने पर आगजनी के बाद हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. इस आगजनी में मकान और सरकारी इमारतें जलकर खाक हो गई हैं. पिछले कुछ दिनों में जिरीबाम से ताजा हिंसा की सूचना आयी हैं.
जयराम रमेश ने कहा ये
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा, 'शायद भागवत पूर्व आरएसएस पदाधिकारी को मणिपुर जाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.'
संघ चालक ने जताई चिंता
भागवत ने मणिपुर में एक वर्ष बाद भी शांति स्थापित नहीं होने पर सोमवार को चिंता व्यक्त की और कहा कि संघर्ष प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाना चाहिए.
विभिन्न स्थानों और समाज में संघर्ष अच्छा नहीं- मोहन भागवत
नागपुर में रेशमबाग में डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर में संगठन के ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय’ के समापन कार्यक्रम में आरएसएस प्रशिक्षुओं की एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि विभिन्न स्थानों और समाज में संघर्ष अच्छा नहीं है.
भागवत ने कहा, ''मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है. दस साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है.'' उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा.चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है.''
रमेश का दावा, पीएम ने महाराष्ट्र के मंत्रियों को किया नजरअंदाज
रमेश ने एक अन्य पोस्ट में दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद के चयन में महाराष्ट्र के अपने सहयोगियों को नजरअंदाज किया है और राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के हारने से पहले ही 'प्रतिशोध की राजनीति' शुरू कर दी है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता प्रफुल्ल पटेल ने ''एक तिहाई प्रधानमंत्री'' के प्रस्ताव को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि राज्य मंत्री बनने का प्रस्ताव उनके लिए पदावनति है.
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