नई दिल्ली: कांग्रेस ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पाठ्यक्रम से राष्ट्रवाद, नागरिकता और धर्मनिरपेक्षता से संबंधित अध्यायों को हटाए जाने की आलोचना की है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह भद्दा मजाक है और किसी बड़ी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है.


पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि वह निजी तौर पर इसे अदालत में चुनौती देना चाहेंगे. सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह भद्दा मजाक और भर्त्सना योग्य है, संघीय ढांचा मूल ढांचे का अभिन्न अंग है. धर्मनिरपेक्षता को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रस्तावना में डलवाया था. ये स्तंभ हमारे संविधान के स्तंभ हैं.’’


निजी रूप से इस चुनौती देना चाहूंगा- सिंघवी


उन्होंने कहा, ‘‘यह किताबों के पहले पन्ने पर होना चाहिए कि संघीय ढांचा, धर्मनिरपेक्षता हमारे स्तंभ हैं’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘सीबीएसई का कदम असंवैधानिक है, गलत है, भद्दा है और एक बड़े षडयंत्र का हिस्सा भी हो सकता है’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं निजी रूप से इसे चुनौती देना चाहूंगा.’’


सीबीएसी की बोर्ड परिक्षाओं मेें अब नहीं जरूरत होगी धर्मनिरपेक्षता, राष्ट्रवाद, नागरिकता के बारे में पढ़ने की


गौरतलब है कि सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं में अगले साल शामिल होने वाले विद्यार्थियों को धर्मनिरपेक्षता, राष्ट्रवाद, नागरिकता, नोटबंदी और लोकतांत्रिक अधिकारों के बारे में पढ़ने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि इन विषयों से संबंधित पाठों और कई अन्य पाठों को पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है.


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