नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई आईएनएक्स की पूर्व प्रमुख इंद्राणी मुखर्जी और कार्ति को आमने-सामने बिठा कर पूछताछ करना चाहती है. इंद्राणी के बयानों के बाद ही कार्ति की गिरफ्तारी की पटकथा लिखी गई थी. इस मामले की जांच की आंच अब पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम तक भी पड़ सकती है.


कांग्रेस ने कार्ति की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताया
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस सरकार को कटघरे में खड़े करने वाले भ्रष्टाचार के घोटालों, कुशासन और कुप्रशासन को छिपाने के लिए ध्यान भटकाने का यह नायाब तरीका है. उन्होंने कहा, ''पी चिदंबरम और उनके परिवार के खिलाफ की गई बदले की कार्यवाही से कांग्रेस पार्टी को रोका नहीं जा सकता है. हम सच बोलना जारी रखेंगे. हम मोदी सरकार के घोटालों को उजागर करते रहेंगे और हम उन्हें देश के लोगों के प्रति जवाबदेह ठहराना जारी रखेंगे.''


बेइमानों को छोड़ेंगे नहीं और ईमानदारों को छुएंगे नहीं: बीजेपी
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "इसे बदले की कार्रवाई कहना कहना है. हम बेइमानों को छोड़ेंगे नहीं और ईमानदारों को छुएंगे नहीं, यही सरकार की रणनीति है. जांच एजेंसियां बिना किसी पूर्वाग्रह के अपना काम कर रही हैं.''


कार्ति चिदंबरम पर क्या आरोप हैं?
आईएनएक्स मीडिया को विदेशी फंड आने के बाद वित्त मंत्रालय से अनुमति दिलायी जबकि FIPB यानी फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड को विदेशी फंड मिलने के पहले अनुमति देनी थी. बोर्ड ने पहले ये अनुमति महज 4.62 करोड़ रुपये के लिए दी थी.


आरोप है कि उसके बावजूद 2007 में 305 करोड रुपये गैरकानूनी तरीके से आए. मॉरीशस के निवेशकों का पैसा आने के बाद पीटर मुखर्जी ने कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया. जिसके बाद वित्त मंत्रालय की ओर से अनुमति मिल गई. जांच एजेंसियो के मुताबिक ये पैसा कार्ति से जुड़ी कंपनियो के पास भेजा गया था. दावा किया जा रहा है कि इसमें से 5 करोड़ रुपये का पता लग चुका है.


इस मामले में कार्ति चिदंबरम के अलावा इंदाणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी भी आरोपी हैं. 2017 में 15 मई को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. इसी मामले में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी सीधे तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम को कठघरे में खड़ा करने की मांग कर रहे हैं.


पी चिदंबरम तक पहुंच सकती है जांच की आंच
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच की आंच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदबंरम तक भी पहुंच सकती है क्योंकि विदेश से आने वाले फंड पर उन्होने भी अपनी अनुमति दी थी. कार्ति से पूछताछ के आधार पर वित्त मंत्रालय के कुछ पूर्व और वर्तमान बडे अधिकारियों से पूछताछ और गिरफ्तारी हो सकती है.