UPS Scheme: केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दी है, जिसके जरिए सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी. ये स्कीम 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो जाएगी. जहां इस स्कीम की तुलना पुरानी पेंशन स्कीम यानी ओपीएस से हो रही है तो वहीं कुछ लोगों ने कहा है कि इससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा. उधर यूपीएस को लेकर विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं. कांग्रेस ने कहा है कि अगर उसकी सरकार बनेगी तो वह यूपीएस को खत्म करके ओपीएस लेकर आएगी. 


कांग्रेस की लंबे समय से ओपीएस लागू करने की मांग रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, "पुरानी पेंशन योजना में क्या बुराई थी? कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं. वे (बीजेपी) नई पेंशन योजना लाए, लेकिन किसी ने उसे स्वीकार नहीं किया. अब, वे यूनिफाइड पेंशन स्कीम लेकर आए हैं. बीजेपी नाम बदलने में माहिर है. हम कहना चाहते हैं कि हमें पुरानी पेंशन योजना चाहिए. हमारी सरकार बनेगी तो हम इसे वापस लाएंगे." ऐसा ही कुछ अन्य दलों ने भी यूपीएस को लेकर कहा है. 


हालांकि, अब ये समझना जरूरी हो जाता है कि आखिर यूपीएस क्या है और जिन लोगों ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत फायदा लिया है, क्या वे अब इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं? क्या एनपीएस से यूपीएस में शिफ्ट हुआ जा सकता है? यूपीएस में क्या फायदे की बातें हैं? आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं. 


यूपीएस में क्या शामिल है?


यूपीएस का फायदा 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला है. इस स्कीम के जरिए रिटायरमेंट के बाद फिक्स पेंशन दिया जाएगा, जो एनपीएस में नहीं था. एनपीएस को लेकर इसी वजह से विरोध होता था. सरकार के मुताबिक, यूपीएस में पांच प्रमुख बातें हैं, जो इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए फायदेमंद बनाती हैं. 


सुनिश्चित पेंशन: इस स्कीम के तहत 25 वर्षों तक सेवा करने के बाद रिटायर होने पर रिटायरमेंट से पहले आखिरी 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन के 50 फीसदी राशि को पेंशन के तौर पर दिया जाएगा. अगर सर्विस की अवधि कम होगी तो रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पैसा भी कम होता जाएगा. मगर कम से कम 10 साल की सर्विस जरूरी होगी, तभी इस स्कीम का फायदा होगा.


सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन: न्यूनतम 10 साल की सर्विस के बाद रिटायरमेंट के केस में यूपीएस के जरिए 10,000 रुपये प्रति माह की सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन दी जाएगी. मतलब अगर आपने 10 साल भी सर्विस की है तो सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि आपको कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन मिले. 


सुनिश्चित परिवारिक पेंशन: अगर रिटायरमेंट पर जाने वाले कर्मचारियों की मौत हो जाती है तो उनके परिवार को तुरंत आखिरी पेंशन राशि का 60 फीसदी दिया जाएगा. इस तरह कर्मचारी के निधन के बाद भी परिवार को पेंशन मिलती रहेगी. 


मुद्रास्फीति सूचकांक (इंफ्लेशन इंडेक्सेशन): ऊपर बाते गए तीन प्रकार की पेंशन पर डियरनेस अलाउंस (डीए) मिलेगा. इसका कैलकुलेशन औद्योगिक श्रमिकों के लिए 'ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स' के आधार पर होगा. इसी के आधार पर ही वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों को डीए दिया जाता है. आसान भाषा में कहें तो महंगाई बढ़ेगी तो पेंशन की राशि की भी बढ़ेगी. 


रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान: यूपीएस में दो तरह से एकमुश्‍त राशि देने का प्रावधान किया गया है. पहला तो रिटायरमेंट के बाद ही ग्रेच्युटी के तौर पर एकमुश्त पैसा मिल जाएगा. इसके बाद कर्मचारी को हर 6 महीने की सर्विस पर सैलरी का 10 फीसदी मिलेगा. 


एनपीएस क्या है और इसे कब लाया गया? 


देश की पेंशन नीतियों में सुधार के तहत 1 जनवरी 2004 को एनपीएस लाया गया, जिसने ओपीएस की जगह ली. इस तारीख के बाद सरकारी नौकरी में शामिल होने वालों को एनपीएस के तहत रखा गया था. ओपीएस के तहत केंद्र और राज्य दोनों में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन की राशि तय की गई थी, जो आखिरी मूल वेतन का 50 फीसदी होती थी. ऐसा ही यूपीएस में भी है. महंगाई बढ़ने पर पेंशन की राशि भी बढ़ती थी. एनपीएस को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार लेकर आई थी. 


यूपीएस से एनपीएस में कैसे शिफ्ट हो सकते हैं? 


1 अप्रैल, 2025 से सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी, जो 31 मार्च, 2025 को या उससे पहले एरियर के साथ रिटायर होंगे, यूपीएस के लिए एलिजिबल यानी योग्य होंगे. दूसरी ओर, जिन कर्मचारियों की नियुक्ति एनपीएस के तहत हुई थी यानी कि वे 1 अप्रैल, 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल हुए थे. उनके पास ऑप्शन है कि वे एनपीएस या यूपीएस में से कोई भी स्कीम चुन सकते हैं. एनपीएस से यूपीएस में शिफ्ट होने के लिए कर्मचारियों को इसके लागू होने से पहले अपने विभाग को जानकारी देनी होगी. 


अगर एक बार किसी कर्मचारी ने यूपीएस के तहत लाभ लेने का फैसला कर लिया, तो वह एनपीएस में फिर से नहीं लौट सकता है. सरकार का कहना है कि यूपीएस से 99 फीसदी कर्मचारियों को फायदा होगा. वहीं, उन रिटायर्ड लोगों के लिए जो एनपीएस के तहत पहले ही रिटायरमेंट ले चुके हैं. उन पर यूपीएस प्रावधान पूर्वव्यापी रूप से लागू होंगे. उन्हें सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) दरों पर ब्याज के साथ बकाया पैसा दिया जाएगा. 


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