नई दिल्ली: राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधानों को हटाने का दावा करने वाली खबर को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि अगर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) पिछले कुछ महीनों में उजागर हुए तथ्यों का संज्ञान नहीं लेता तो उसकी रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' की खबर का हवाला देते हुए कहा, "इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच बहुत आवश्यक है और अगर इन सारे तथ्यों को संज्ञान में नहीं लिया जाता है. जो अखबार के माध्यम से पिछले 6-8 महीनों में सार्वजनिक हुए हैं, तो उस रिपोर्ट का बिल्कुल कोई महत्व नहीं होगा''. उन्होंने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि आगे sc को सामने आए तथ्यों पर विचार करना चाहिए.
गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि फ्रांस के साथ हुए इस सौदे के समझौते पर दस्तख्त करने से चंद दिन पहले ही सरकार ने इसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ अर्थदंड से जुड़े अहम प्रावधानों को हटा दिया था.कांग्रेस राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लंबे समय से लगा रही है, हालांकि सरकार ने इसे सिरे से खारिज किया है.