Congress Seat Sharing: इंडिया गठबंधन की हालिया बैठक में ये तय किया गया कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए शीट-शेयरिंग पर बातचीत जल्द से जल्द होनी चाहिए. दिल्ली में हुई बैठक में तय किया गया कि शीट-शेयरिंग पर सभी दलों को सहमत होना जरूरी है. हालांकि, कांग्रेस के लिए सीटों का बंटवारा करना टेढ़ी खीर साबित होने वाला है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह तीन राज्यों में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने की उसकी खुद की लालसा भी है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि वह राज्य में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ना चाहती है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस बात को कह चुकी हैं कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) राज्य में अकेले चुनाव लड़ सकती है. महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) ने 23 सीटों की मांग रख दी है. इन सब वजहों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
टीएमसी अकेले चुनाव लड़ेगी- ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने गुरुवार को ऐलान किया कि टीएमसी 2024 का लोकसभा चुनाव राज्य में अकेले लड़ेगी, जबकि वह इंडिया ब्लॉक में राष्ट्रीय स्तर पर मौजूद रहेगी. राज्य में चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, 'इंडिया गठबंधन देशभर में रहेगा. पश्चिम बंगाल में टीएमसी चुनाव लड़ेगी और बीजेपी को हराएगी. सिर्फ टीएमसी ही वो पार्टी है, जो बीजेपी को सबक सिखा सकती है.'
ममता के बयान से साफ हो गया कि राज्य में इंडिया गठबंधन के साथ सीट-शेयरिंग पर किसी तरह का कोई समझौता नहीं होगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के लिए कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने सीपीआई-एम के साथ गठबंधन की बात कही. मगर कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा और 42 सीटों में से सिर्फ 2 पर जीत हासिल की, जबकि टीएमसी ने 22 सीटें जीतीं.
महाराष्ट्र में उद्धव ने उठाई 23 सीटों की मांग
2024 के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि पूरे इंडिया गठबंधन के सहयोगियों शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है. कांग्रेस ने नागपुर में स्थापना दिवस और भारत न्याय यात्रा का समापन मुंबई में तय करके राज्य में खुद को मजबूत करना शुरू कर दिया है. हालांकि, शिवसेना-यूबीटी ने लोकसभा की 23 सीटों की मांग रख दी है, जिसे कांग्रेस ने खारिज कर दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टियों के बीच समायोजन की जरूरत है. वर्तमान हालात को देखते हुए शिवसेना की मांग बहुत ज्यादा है. 2019 में कांग्रेस और एनसीपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा. राज्य की 48 सीटों में से कांग्रेस को एक और एनसीपी को चार सीटों पर जीत मिली. शिवसेना को 18 और बीजेपी को 23 सीटें मिली थीं.
पंजाब में आप का अकेले लड़ने का प्लान
कांग्रेस में आप के नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि वे चाहते हैं कि पार्टी राज्य में अकेले चुनाव लड़े. 26 दिसंबर को पंजाब के शीर्ष पार्टी नेताओं के साथ कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में भी यही बात दोहराई गई. वहीं, 17 दिसंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के बठिंडा में रैली की.
इस रैली में केजरीवाल ने लोगों से 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी 13 सीटों पर सत्तारूढ़ आप को वोट देने की अपील की थी. इस तरह उन्होंने अपने सहयोगी दल कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे की कोई गुंजाइश नहीं होने का संकेत दे दिया. पंजाब की 13 सीटों में कांग्रेस को 8 और आप को 1 सीट पर जीत मिली थी.
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