नई दिल्ली: कांग्रेस ने चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल कर मांग की है कि गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने जा रहे चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराए जाए. इसके अलावा कांग्रेस ने ये भी मांग की है कि चुनाव आयोग सत्ताधारी बीजेपी की ओर से सत्ता और अधिकारों के कथित दुरूपयोग की उच्च-स्तरीय जांच भी कराए.
इस बीच चुनाव आयोग ने कांग्रेस के इस आरोप पर गुजरात सरकार से रिपोर्ट मांगी है कि राज्यसभा चुनावों से पहले बीजेपी उसके विधायकों का दलबदल करा रही है. आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि गुजरात के मुख्य सचिव से कहा गया है कि वह इस बाबत 31 जुलाई की शाम पांच बजे तक अपनी रिपोर्ट दें.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की ओर से (आयोग को) दिए गए ज्ञापन में लगाए गए आरोपों पर रिपोर्ट मांगी गई है.’’ इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोती से मिला और बीजेपी की ओर से किए जा रहे कथित चुनावी भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए उच्च-स्तरीय समिति के गठन की मांग की.
पार्टी ने यह मांग भी की कि इस मामले की रिपोर्ट एक तय समयसीमा में आनी चाहिए. उन्होंने राज्यसभा चुनावों के नतीजे प्रभावित करने के लिए गुजरात की बीजेपी सरकार की ओर से धनबल और बाहुबल के कथित इस्तेमाल के खिलाफ भी एक ज्ञापन दिया.
ज्ञापन में मांग की गई, ‘‘कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे और दल-बदल कराने के मकसद से धनबल, बाहुबल और सरकारी मशीनरी के धड़ल्ले से किए जा रहे दुरूपयोग की जांच के लिए हम स्वतंत्र लोगों या अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय समिति के गठन की मांग करते हैं.’’
कांग्रेस नेताओं की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि समिति को निर्देश दिया जाए कि वह उन सभी विधायकों से मिलकर बीजेपी की ओर से प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर धन और पद की पेशकश के बारे में पूछे, ताकि आरोपों को सही तरीके से दर्ज किया जा सके और कानून के तहत कार्रवाई के लिए इसे ठोस रूप दिया जा सके. कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और पार्टी के उप-नेता आनंद शर्मा, विवेक के तनखा, अभिषेक मनु सिंघवी और मनीष तिवारी शामिल थे.
आजाद ने कहा कि केंद्र और गुजरात की सरकार राज्य में राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस विधायकों का दलबदल करा रही हैं और उन्हें टिकट एवं धन का लालच दिया जा रहा है और धमकाया जा रहा है और पुलिस-प्रशासन को दलबदल के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग से अफसोस जाहिर किया कि ऐसी घटनाएं एक ऐसे राज्य में हो रही हैं जहां से प्रधानमंत्री आते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण चीज है कि सत्ताधारी पार्टी विपक्षी विधायकों को तोड़ने में लगी हुई है. हम अपने विधायकों को कर्नाटक ले गए हैं.’’