Congress On Parliament Deadlock: कांग्रेस ने शनिवार (1 अप्रैल) को संसद के गतिरोध पर बात करते हुए एक बार फिर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. कांग्रेस अडानी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति गठित किए जाने की मांग कर रही है. दिल्ली स्थित AICC मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने व्यवधानों के बीच संसद में चर्चा के बिना प्रमुख विधेयकों और बजट के पारित होने को लेकर सरकार पर निशाना साधा.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रमेश ने कहा कि सरकार ने लोकसभा में हंगामे के बीच वित्त विधेयक पारित कराया और इसी तरह की स्थिति में राज्यसभा ने उसे वापस कर दिया. आने वाले दिनों में इस तरह के और विधेयक पारित हो सकते हैं. इसी के साथ उन्होंने कहा, ''अगर जेपीसी की मांग को कूड़ेदान में डाला जाता है तो दुख की बात है कि विधेयक हंगामे में पारित होंगे.''
संसद के गतिरोध को लेकर सरकार पर कांग्रेस का निशाना
इसी के साथ कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार संसद में गतिरोध दूर करने के लिए विपक्ष के साथ समझौता करने की कोई कोशिश नहीं कर रही है. जयराम रमेश ने दावा किया कि संसद में अभी बीच का कोई रास्ता नहीं निकला है. उन्होंने कहा कि पहली बार बजट सत्र बेकार साबित हो सकता है. गौरतलब है कि 13 मार्च को शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे भाग में अब तक ज्यादातर समय में गतिरोध देखा गया है. बजट सत्र 6 अप्रैल को समाप्त होगा.
'जेपीसी मांग जारी रखेंगे'
बता दें कि विपक्ष जहां एकजुट होकर अडानी मामले की जांच जेपीसी गठित कर कराने की मांग कर रहा है तो वहीं सत्ता पक्ष राहुल गांधी के लंदन दौरे पर दिए बयान को लेकर उनसे माफी मांगने को कह रहा है. राहुल गांधी ने अपने लंदन दौरे पर कथित तौर पर भारत में 'लोकतंत्र खतरे में' वाला बयान दिया था और विदेशी हस्तक्षेप की मांग की थी. सत्ता पक्ष का कहना है कि राहुल गांधी ने ऐसा बयान देकर देश और इसके संस्थानों का अपमान किया है.
राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के मुद्दे पर भी कांग्रेस सरकार के प्रति आक्रामक है. राहुल की संसद सदस्यता जाने के पीछे कांग्रेस ने अडानी विवाद को ही कारण बताया है. प्रेस वार्ता के दौरान जयराम रमेश ने कहा कि अडानी मामले में जेपीसी की मांग को लेकर सभी 19 विपक्षी दल एकजुट हैं और सोमवार (3 अप्रैल) को भी अपनी मांग जारी रखेंगे.