Sambhal Violence: कांग्रेस ने संभल में हुई घटना पर गंभीर चिंता जताई है. पार्टी के मीडिया और प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा कहा कि "बटेंगे तो कटेंगे" का नारा देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में उत्तर प्रदेश को सुरक्षित नहीं कहा जा सकता. संभल की घटना में प्रदर्शनकारियों पर सीधी फायरिंग की गई, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि यह भाजपा और आरएसएस की ओर से मिलकर की गई सोची-समझी साजिश है, जिसमें धार्मिक आधार पर समाज में अस्थिरता पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है.


पवन खेड़ा ने कहा कि प्रशासन का काम शांति और सौहार्द्र बनाए रखना है, लेकिन भाजपा और आरएसएस का एजेंडा समाज को बांटना है. संभल की घटना में हुई हिंसा के लिए उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन की आलोचना की है.


'यूपी में कोई नागरिक सेफ नहीं'


पार्टी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में लिखा है, "बटेंगे तो कटेंगे" का निंदनीय नारा देने वाले आदित्यनाथ के राज में उत्तर प्रदेश का कोई नागरिक "SAFE" नहीं है. ये आज संभल की बेहद संवेदनशील और गंभीर घटनाओं से पता चलता है. संभल में जिस तरह से प्रदर्शनकारियों पर सीधे फायरिंग करने के वीडियो सामने आये हैं वो मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और भाजपा-आरएसएस की सोची समझी साज़िश का दुष्परिणाम है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश जो कि सालों से सद्भावना और सौहार्द का प्रतीक रहा है, वहां एक एक षड्यंत्र के तहत तीन लोगों की जान ली गई और कई लोग घायल हुए हैं."


भाजपा पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप


कांग्रेस ने इस घटना में भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के नेताओं ने दो समुदायों के बीच धर्म के नाम पर दीवार खड़ी करने की कोशिश की है. कांग्रेस ने इसे एक संगठित साजिश करार दिया, जिसका मकसद कथित तौर पर समाज में विभाजन पैदा करना है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए समाज में सांप्रदायिकता का जहर घोल रही है.


पवन खेड़ा ने कहा कि इस मामले को लेकर भाजपा का मकसद केवल माहौल खराब करना था और सांप्रदायिक तनाव फैलाना था. कांग्रेस ने भाजपा से देशहित को प्राथमिकता देने की अपील की है.


'योगी आदित्यनाथ के प्रशासन ने ले ली लोगों की जान'


कांग्रेस ने कहा, "हम पूरी ज़िम्मेदारी से कहते हैं कि मृतकों की जान आदित्यनाथ प्रशासन ने ही ली हैं और संभल में भाईचारे को आग लगाने के लिए केवल भाजपा-आरएसएस क़सूरवार है. अल्पसंख्यक समाज को दूसरे दर्जे के नागरिकों की तरह देखने वाली मोदी-योगी की सरकार ने आनन-फानन में कोर्ट ने याचिका दाखिल कराई. ये सार्वजनिक है कि प्रशासन की पूरी तैयारी थी कि किसी तरह संभल और संभल के जरिए उत्तर प्रदेश का माहौल ख़राब किया जा सके. इससे पहले बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान शहर को दंगाई तत्वों के हवाले कर दिया गया था."


कांग्रेस ने कहा, "इस पूरे मामले में भाजपा न तो सर्वे करवाना चाहती थी न ही रोकना, उसका उद्देश्य केवल भाईचारा ख़त्म करना था. सर्वे टीम के साथ जाने वाले उपद्रवी तत्वों पर कोई कार्रवाई नहीं करना यह स्पष्ट करता है कि प्रदेश के उपचुनावों के बाद योगी सरकार ने हिंसा और घृणा की राजनीति को और तेज कर दिया है. पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इस हिंसा में कई निर्दोष लोगों की जान गई है और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं. भाई-भाई में द्वेष फैलाना और सांप्रदायिक आग लगाना ये भाजपा - आरएसएस का डीएनए है, उनके रग-रग में बसा है."


मोहन भागवत के बयान का जिक्र


पवन खेड़ा ने आरएसएस प्रमुख मोहन बागवत के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि "इतिहास में जो हुआ उसे बदला नहीं जा सकता." खेड़ा ने सवाल किया कि क्या आज के हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव को बढ़ाने का मकसद केवल सांप्रदायिकता फैलाना है. उन्होंने मोदी सरकार से सवाल किया कि क्या वह हिंसा की बातों पर अमल करेगी.


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने समाज में शांति और एकता बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को कानूनी तरीकों का सहारा लेना चाहिए और सांप्रदायिकता से दूर रहना चाहिए. कांग्रेस ने लोगों से समाज में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने का अनुरोध किया है.


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