जम्मू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 जुलाई को जम्मू- कश्मीर की सभी पार्टियों से संभावित बैठक को लेकर कांग्रेस ने इसे देरी से उठाया गया दुरुस्त कदम बताया है. कांग्रेस ने हालांकि यह भी कहा है कि इस बैठक का औपचारिक न्यौता उन्हें अभी नहीं मिला है.


जम्मू -कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने 24 जुलाई को जम्मू कश्मीर के सभी पार्टियों से पीएम की संभावित बैठक को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. जम्मू में मीडिया से बात करते हुए गुलाम अहमद मीर ने कहा कि कांग्रेस हमेशा उस बातचीत के पक्ष में रही है जिससे जम्मू कश्मीर में अमन और शांति बहाली हो.


नाराजगी को बातचीत से ही किया जा सकता दूर
मीर ने जम्मू में कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से यह जानकारी मिली है कि पीएम 24 जुलाई को जम्मू -कश्मीर की सभी पार्टियों से बात करने जा रहे है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अभी इस बैठक का न्योता नहीं आया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से यह चाहती है कि अगर देश में कहीं कोई नाराजगी है तो उससे बातचीत से ही ठीक किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पीएम जिन भी लोगों से लोग बात करें और जिन भी लोगों को बुलाएं, वह यही चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित हो, यहां लोगों के मुश्किलें दूर हो और यहां के युवाओं को मिले.


बातचीत की पहल में देरी, लेकिन यह सही कदम
मीर ने कहा कि वह केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को इस बैठक का न्योता मिलता है तो उसके बाद वह इस बैठक की रणनीति पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए वह पार्टी आलाकमान से भी बात करेंगे. मीर ने कहा कि पीएम को यह कदम पहले उठाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि जम्मू -कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद पीएम को यह कदम उठाया था. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने के बाद इस तरह की पहल होती तो जम्मू कश्मीर में इस तरह की नाराजगी नहीं होती.


पूर्व पीएम वाजपेयी और मनमोहन सिंह ने भी की थी बातचीत
कांग्रेस नेता मीर ने कहा कि पीएम को अगर 2 साल के बाद यह समझ आया है कि जम्मू -कश्मीर की जनता को साथ लेना है और यहां शांति स्थापित करने के लिए वो इस कदम का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर पीएम सभी राजनीतिक दलों से बात करते हैं तो यह वही कदम है जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह ने उठाया था.


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