महाराष्ट्र: मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम के बयान के बाद कांग्रेस ने कड़ा रुख अपनाया है. कांग्रेस ने साफ कर दिया कि संजय निरूपम अपने निजी स्वार्थ के कारण ऐसे बयान दे रहे हैं. अगर पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर अनुशासन नहीं था तो टिकट बंटने से पहले संजय निरूपम ने ऐसा क्यो नहीं कहा?


कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता और लोकसभा के सांसद मनीष तिवारी ने संजय निरूपम को सलाह देते हुए कहा कि वो अपने ख़याली पुलाव पकाना बंद करें और निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर सोचे. जिस तरह के बयान वो दे रहे हैं उन्हें सोचना चाहिए कि ये उन लोगों की मदद हो रही है जो पिछले कुछ सालों से देश को तबाह कर रहे हैं.


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कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, संजय निरूपम मुंबई के बिल्डर रईस लकसरिया की टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें इसलिए मौका नहीं दिया क्योंकि पहले वो एमएनस और बाद में एआईएमएमआईएम में थे और उसके बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. कांग्रेस के एक नेता ने यह भी कहा कि संजय निरूपम को मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना हमारी बहुत बड़ी भूल थी क्योंकि वे मूल रूप से कांग्रेस परिवार का हिस्सा नहीं है. वो पहले शिव सेना में रहे हैं. अच्छा होता कि पार्टी किसी संगठन के व्यक्ति को मौका देती.


इससे पहले संजय निरूपम ने ट्वीट करके कहा था, ''ऐसा लगता है कि अब कांग्रेस पार्टी मेरी सेवा नहीं चाहती है. मैंने विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में सिर्फ एक सीट मांगी थी, वो भी नहीं दी गई है. हालांकि मैंने कांग्रेस आलाकमान को पहले ही बता दिया था कि ऐसी स्थिति में मैं कांग्रेस पार्टी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करूंगा. यह मेरा आखिरी फैसला है.'' कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने कहा, 'मुझको उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी को गुडबाय कहने का दिन अभी नहीं आया है. हालांकि कांग्रेस आलाकमान मेरे साथ जिस तरह का बर्ताव कर रहा है, उससे नहीं लगता है कि कांग्रेस में ज्यादा दिन तक रहूंगा.''


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