Delhi Ordinance: दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश पर घमासान, क्या सीएम अरविंद केजरीवाल को मिला कांग्रेस का साथ?
Delhi News: आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र का अध्यादेश असंवैधानिक है. ये सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली सरकार को दी गई शक्तियों को छीनने के लिए उठाया गया कदम है.
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Congress Supports AAP: दिल्ली में तबादलों और नियुक्तियों पर केंद्र के अध्यादेश पर जारी तनातनी के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) को कांग्रेस (Congress) का साथ मिला है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने सोमवार (22 मई) को कहा कि कांग्रेस दिल्ली सरकार के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के संविधान पीठ के फैसले के साथ है. केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए.
आनंद शर्मा का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की है. नीतीश कुमार ने खरगे से मुलाकात के दौरान आम आदमी पार्टी और दिल्ली को लेकर केंद्र के अध्यादेश का मुद्दा उठाया. सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर खरगे ने नीतीश कुमार से कहा कि हम दिल्ली और पंजाब की इकाइयों से बात कर कोई फैसला करेंगे.
संसद में केंद्र के बिल का विरोध करेगी कांग्रेस
सूत्रों के अनुसार, अध्यादेश पर खरगे ने कहा कि कांग्रेस संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकार के पक्ष में, लेकिन सीमित अधिकारों के बावजूद शीला दीक्षित ने पंद्रह सालों तक कामयाबी से दिल्ली सरकार चलाई जबकि केजरीवाल का ध्यान सरकार चलाने की बजाय टकराव पर रहता है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस संसद में केंद्र सरकार के बिल का विरोध करेगी.
अध्यादेश के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया- वेणुगोपाल
सूत्रों के दावों के बाद कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया कि कांग्रेस ने अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में दिल्ली सरकार की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र की ओर से लाए गए अध्यादेश के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया है. पार्टी अपनी राज्य इकाइयों और अन्य समान विचारधारा वाले दलों से परामर्श करेगी. पार्टी कानून के शासन में विश्वास करती है और साथ ही किसी भी राजनीतिक दल की ओर से राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ झूठ पर आधारित अनावश्यक टकराव और अभियानों को नजरअंदाज नहीं करती है.
एक दिन पहले ही यानी रविवार (21 मई) को नीतीश कुमार दिल्ली में आप के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले थे. उन्होंने इस दौरान आप सरकार का समर्थन करने का आश्वासन दिया था.
केजरीवाल ने विपक्षी दलों से मिलने की कही बात
अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह इस मामले में समर्थन लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से सभी विपक्षी दलों के प्रमुखों से मिलेंगे, ताकि अध्यादेश की जगह लेने के लिए केंद्र की ओर से लाए जाने वाले किसी भी विधेयक को राज्यसभा में पारित होने से रोका जा सके. उन्होंने कहा था कि मैंने नीतीश कुमार से भी इस संबंध में सभी विपक्षी दलों से बात करने का अनुरोध किया है.
नीतीश कुमार ने दिया था आश्वासन
इस बैठक के बाद नीतीश कुमार ने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा था कि आप एक निर्वाचित सरकार की शक्ति कैसे छीन सकते हैं. संविधान का अध्ययन करें और देखें कि क्या सही है. केजरीवाल जो कुछ भी कह रहे हैं, वो सही है. हम पूरी तरह से उनके साथ हैं. हम अरविंद केजरीवाल के समर्थन में विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास करेंगे. उनकी सरकार को काम करने से रोका जा रहा है.
केंद्र ने जारी किया था ये अध्यादेश
केंद्र सरकार ने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया था. अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक हफ्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था.
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले से जुड़ा केंद्र का अध्यादेश असंवैधानिक है. एक अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद की ओर से अनुमोदित किया जाना चाहिए.
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