(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कोर्ट के फैसले को ईमानदारी का सर्टिफिकेट ना समझे कांग्रेस: अरुण जेटली
जेटली ने कहा कि कांग्रेसियों को जानना चाहिए कि 2जी मामले में अनियमितता हुई थी और नीलामी के जरिए लाइसेंस नहीं दिए गए थे. कांग्रेस के लोग आज के फैसले को ईमानदारी का सर्टिफिकेट ना समझें.
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2जी मामले पर कहा है कि जीरो लॉस थ्योरी तभी गलत साबित हो गई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने स्पेक्ट्रम रद्द कर दिया था. उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि जांच एजेंसियां इस फैसले को देखेंगी और आगे के कदम पर फैसला करेंगी.
जेटली ने कहा कि कांग्रेसियों को जानना चाहिए कि 2जी मामले में अनियमितता हुई थी और नीलामी के जरिए लाइसेंस नहीं दिए गए थे. कांग्रेस के लोग आज के फैसले को ईमानदारी का सर्टिफिकेट ना समझें.
2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक नेता कनिमोझी दोनों को इस मामले में बरी कर दिया. अदालत ने इस मामले में अन्य 15 आरोपियों और तीन कंपनियों को भी बरी कर दिया है.
मामले में बरी किये गए अन्य लोग हैं- दूरसंचार विभाग के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर. के. चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजी) के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेन्द्र पिपारा और हरी नायर.
अदालत से बरी होने वाले अन्य लोग हैं- कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार और बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी. इनके अलावा अदालत ने तीन कंपनियों- स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड को भी आरोपों से बरी कर दिया है.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने 2जी घोटाला मामले में फैसला सुनाया. इस मामले ने यूपीए सरकार को बहुत परेशान किया था. राजा और अन्य आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2011 में दायर अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंसों के आवंटन के दौरान 30,984 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई थी. उच्चतम न्यायालय ने दो फरवरी, 2012 को इन आवंटनों को रद्द कर दिया था. सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया था.